Gandhi Jayanti 2024 Quotes: शांति और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती पर अपनों को शेयर करें ये प्रेरक उद्धरण!
प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को देश भर में गांधी जयंती मनाई जाती है. शांति और अहिंसा के पुजारी मोहनदास करमचंद गांधी की भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका रही है. गांधी जयंती के अवसर पर तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन देश की आजादी में बापू के योगदान को याद किया जाता है.
प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को देश भर में गांधी जयंती मनाई जाती है. शांति और अहिंसा के पुजारी मोहनदास करमचंद गांधी की भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका रही है. गांधी जयंती के अवसर पर तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन देश की आजादी में बापू के योगदान को याद किया जाता है. बापू की सोच और देश की आजादी की लिए किये गए उनके प्रयासों को याद करते हुए हर साल हम सब उनकी विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने के लिए संदेश भेजते हैं और गांधी जयंती की शुभकामनाएं देते हैं. कुछ ऐसे ही प्रेरक और प्रभावशाली कोट्स यहां प्रस्तुत हैं.
* ‘अहिंसा कायरता की आड़ नहीं, वीरों का सर्वोच्च गुण है. अहिंसा का मार्ग हिंसा के मार्ग की तुलना में कहीं ज्यादा साहस की अपेक्षा रखता है.’
* ‘खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं.’
* ‘एक अनुस्मारक कि परिवर्तन हम में से प्रत्येक के भीतर शुरू होता है.’
* ‘ताकत शारीरिक क्षमता से नहीं आती। यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है.’
* ‘चुनौतियों पर विजय पाने के लिए आंतरिक शक्ति का उपयोग करने का आह्वान.’
* ‘खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका खुद को दूसरों की सेवा में खो देना है.’
* अहिंसा के बिना सत्य का अनुभव नहीं हो सकता. अहिंसा का पहला सिद्धांत हर अमानवीय चीज के प्रति असहयोग करना है.
* ‘निस्वार्थता और सेवा की शक्ति पर जोर देना.’
* ‘ऐसे जियो जैसे कि तुम्हें कल मरना है। ऐसे सीखो जैसे तुम्हें हमेशा के लिए जीना है.’
* ‘ज्ञान और अनुभवों की उत्कट खोज को प्रोत्साहित करना.’
* ‘अभ्यास का एक औंस ढेर सारे उपदेशों से अधिक मूल्यवान है,’
* ‘मात्र शब्दों से अधिक कार्य के महत्व पर प्रकाश डालना.’
* ‘एक विनम्र तरीके से, आप दुनिया को हिला सकते हैं.’
* ‘छोटे और शांतिपूर्ण कार्य भी महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा कर सकते हैं.’
* ‘कमज़ोर कभी माफ़ नहीं कर सकते, माफ़ करना ताकतवरों का गुण है.’
* ‘प्रेम की शक्ति दंड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है.’
* ‘क्षमा और करुणा में पाई जाने वाली शक्ति पर जोर देना.’
* ‘धरती पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन हमारी जरूरतें पूरी करने के लिए हैं, लालच की पूर्ति के लिए नहीं.’
* ‘आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाती हैं, आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदतें बन जाते हैं, आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाती हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाते हैं.’
इस गांधी जयंती पर, आइए शांति, करुणा और सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयास करके उनकी विरासत का सम्मान करें!