World Wetlands Day 2019: 2 फरवरी को मनाया जाता है विश्व वेटलैंड्स दिवस, जानिए जलवायु संरक्षण के लिए आद्रभूमि को क्यों माना जाता है महत्वपूर्ण?
इस साल विश्व वेटलैंड्स दिवस 2019 का थीम है 'वेटलैंड्स एंड क्लाइमेट चेंज' यानी आद्रभूमि और जलवायु परिवर्तन. जलवायु परिवर्तन में आद्रभूमि एक प्राकृतिक समाधान के तौर पर अहम भूमिका निभाती है और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से लड़ने में हमारी मदद करती है.
World Wetlands Day 2019: हर साल 2 फरवरी को दुनिया भर में विश्व वेटलैंड्स दिवस (World Wetlands Day) मनाया जाता है. वेटलैंड यानी आद्रभूमि (wetland) एक ऐसा प्राकृतिक जलक्षेत्र होता है, जहां सैकड़ों वन्यजीवों और पक्षियों की प्रजातियां फलती-फूलती हैं. दरसअल, 2 फरवरी 1971 को विश्व के विभिन्न देशों ने ईरान के रामसर (कैस्पियन सागर के तट पर) में विश्व की आद्रभूमियों के संरक्षण के लिए एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे, तब से लेकर अब तक हर साल 2 फरवरी को विश्व वेटलैंड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है.
इस साल विश्व वेटलैंड्स दिवस 2019 का थीम है 'वेटलैंड्स एंड क्लाइमेट चेंज' यानी आद्रभूमि और जलवायु परिवर्तन. दरअसल, जलवायु परिवर्तन में आद्रभूमि एक प्राकृतिक समाधान के तौर पर अहम भूमिका निभाता है और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से लड़ने में हमारी मदद करता है. वेटलैंड्स की खासियत यह है कि इनमें नम और शुष्क दोनों वातावरण की विशेषताएं पाई जाती हैं. इनमें बाढ़ वाले मैदान, दलदल, मछली के तालाब, ज्वारीय दलदल और मानव निर्मित आद्रभूमि शामिल हैं.
वेटलैंड जलवायु परिवर्तन की घटनाओं से निपटने में मदद करता है. दरअसल, जलवायु परिवर्तन के कारण तूफान (storms), बाढ़ (floods) और अकाल (droughts) पड़ने जैसी स्थितियां तेजी से बढ़ रही हैं. अच्छी तरह से प्रबंधित, हेल्दी वेटलैंड अतिरिक्त वर्षा को अवशोषित करते हैं और इसे सूखे या अकाल की स्थिति के लिए संग्रहित करते हैं. जिससे आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली घटनाओं से निपटने में मदद मिलती है. यह भी पढ़ें: World Aspergilosis Day 2019: कैसे होता है यह फंगल इंफेक्शन, जानें इसके लक्षण और बचाव के आसान तरीके
वेटलैंड्स का महत्व
ऐसे सभी जल क्षेत्र जहां उथले पानी के जीव जंतु और वनस्पतियां पाई जाती हैं तथा लगभग साल भर पानी रहता है, उसे वेटलैंड कहा जाता है. वेटलैंड का तापमान थलीय तापमान से कम होता है और यहां आर्द्रता होती है. वेटलैंड्स प्राकृतिक जैव विविधता के अस्तित्व के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. ये पक्षियों और जानवरों की दुर्लभ प्रजातियों, पौधों और कीड़ों को उपयुक्त आवास उपलब्ध कराते हैं. मछली पकड़ने, धान की खेती, पर्यटन, जल प्रावधान और जलवायु संरक्षण में वेटलैंड्स का बहुत महत्व है. वेटलैंड में जल व थल के बीच के माइक्रो क्लाइमेट जोन विकसित होता है और यह ग्लोबल वार्मिंग कम करने में मदद करता है.
क्या है रामसर सम्मेलन?
रामसर (ईरान) में साल 1971 में हस्ताक्षरित वेटलैंड्स सम्मेलन अंतर-सरकारी संधि है, जो वेटलैंड्स और उनके संसाधनों के संरक्षण और समझदारी से उनके उपयोग के लिए राष्ट्रीय कार्य और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का ढांचा मुहैया कराती है. रामसर सचिवालय विश्वस्तर पर वेटलैंड्स के बारे में जागरूकता फैलाने का काम करता है. बात करें भारत की तो यहां साल 2015 तक कुल 26 रामसर साइट्स थे, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण वेटलैंड्स की रामसर सूचि में शामिल किया गया है.