World Toilet Day 2019: शौचालय के उपयोग को बढ़ावा देने और खुले में शौच से होने वाली समस्याओं के प्रति जागरूकता लाने का दिन है वर्ल्ड टॉयलेट डे, जानें इसका महत्व

दुनिया भर के लोगों को खुले में शौच करने से होने वाली समस्याओं से अवगत कराने, शौचालय के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और स्वच्छता के महत्व को समझाने के मकसद से ही संयुक्त राष्ट्र ने विश्व शौचायल दिवस मनाने की घोषणा की थी, इसलिए हर साल 19 नवंबर को वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाया जाता है.

वर्ल्ड टॉयलेट डे 2019 (Photo Credits: PTI)

World Toilet Day 2019: संयुक्त राष्ट्र (Unites Nation) के मुताबिक, विश्व में 4.2 बिलियन लोग सुरक्षित स्वच्छता की मूलभूत सेवाओं से महरूम हैं, जबकि 650 मिलियन लोग खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं. दुनिया भर के लोगों को खुले में शौच करने से होने वाली समस्याओं से अवगत कराने, शौचालय के इस्तेमाल (Use of Toilets) को बढ़ावा देने और स्वच्छता (Cleanliness) के महत्व को समझाने के मकसद से ही संयुक्त राष्ट्र ने विश्व शौचायल दिवस (World Toilet Day) मनाने की घोषणा की थी, इसलिए हर साल 19 नवंबर को 'वर्ल्ड टॉयलेट डे' मनाया जाता है. विश्व शौचालय दिवस एक अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षण दिवस है. बता दें कि पहली बार आधिकारिक तौर पर विश्व शौचायल दिवस साल 2001 में संगठन द्वारा स्थापित किया गया था, लेकिन साल 2013 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे राष्ट्र दिवस घोषित किया था.

शौचालय दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में खुले में शौच करने की आदत को कम करना और इससे होने वाली बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाना है. दरअसल, खुले में शौच करने से कई बीमारियां पैदा होती हैं और इससे पर्यावरण भी दूषित होता है, इससे निपटने के लिए ही भारत में सरकार द्वारा 'स्वच्छ भारत अभियान' चलाया गया है.

विश्व शौचालय दिवस 2019 का विषय

हर साल विश्व शौचालय दिवस को अलग-अलग थीम के अनुसार मनाया जाता है और साल 2019 का थीम 'लीविंग नो वन बिहाइंड' (Leaving No One Behind) है. इस बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित थीम उन लोगों के लिए है, जिनकी पहुंच बुनियादी स्वच्छता सुविधाओं तक नहीं है. संयुक्त राष्ट्र के इस थीम का उद्देश्य यह बताना है कि टॉयलेट सिर्फ एक टॉयलेट नहीं है, बल्कि यह एक जीवन रक्षक, गरिमा रक्षक और अवसर निर्माता भी है.

इससे पहले के विषयों पर नजर डाले तों साल 2018 में प्रकृति आधारित समाधान (Nature-based solutions), साल 2017 में वेस्ट वॉटर (Wastewater), साल 2016 में शौचालय और रोजगार (Toilets and jobs), साल 2015 में शौचालय और पोषण (Toilets and nutrition), साल 2014 में समानता और गरिमा (Equality and dignity) और साल 2013 में पर्यटन और पानी (Tourism and water) थीम रखा गया था. यह भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2019: बिहार में भाई ने बहन को रक्षाबंधन पर 'शौचालय' के रूप में दिया अनोखा उपहार

विश्व शौचालय दिवस का महत्व

शौचालय हर व्यक्ति के जीवन का एक जरूरी हिस्सा है. यह न सिर्फ लोगों की गरिमा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा को सुनिश्चित करता है, बल्कि यह बीमारियों को फैलने से भी रोकने में मदद करता है. खुले में शौच करने से हैजा, डायरिया, टाइफाइड और पेचिश जैसी कई बीमारियों के फैलने का खतरा होता है.

विश्व शौचालय दिवस का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को स्वच्छता के महत्व से रूबरू कराना और शौचालय के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के प्रति जागरूक करना है, ताकि खुले में शौच की आदत को खत्म किया जा सके. इस दिन दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र द्वारा कई कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाता है.

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