World Brain Tumour Day 2020: जानें किन कारणों से मस्तिष्क को पहुंचता है खतरा, कैसे बनती है यह एक घातक बीमारी
दुनिया में कई बीमारियां ऐसी हैं, जिसका सही समय पर इलाज मिलने पर उससे बच सकते हैं. हम अन्य बीमारी को लेकर जितना सजग रहते हैं उतना दिमाग की बीमारियों के प्रति कम सचेत रहते हैं. ब्रेन ट्यूमर की बीमारी का लोग अंदाजा ही नहीं लगा पाते और जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.
World Brain Tumour Day 2020: दुनिया में कई बीमारियां ऐसी हैं, जिसका सही समय पर इलाज मिलने पर उससे बच सकते हैं. हम अन्य बीमारी को लेकर जितना सजग रहते हैं उतना दिमाग की बीमारियों के प्रति कम सचेत रहते हैं. ब्रेन ट्यूमर की बीमारी का लोग अंदाजा ही नहीं लगा पाते और जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. इसके लिए जागरूकता जरूरी है. इसी के तहत हर साल 8 जून को 'वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे' (World Brain Tumour Day) मनाया जाता है. ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूकता बढ़ाना के अलावा यह दिन उन लोगों के लिए भी है जो ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित हैं और उन्हें बेहतर और अधिक प्रभावी तरीके से निपटने में मदद करते हैं.
भारत समेत दुनियाभर में ब्रेन ट्यूमर
विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस वर्ष 2000 के बाद से हर साल 8 जून को मनाया जाता है. इस दिवस को पहली बार जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन (ड्यूश हिरेंटमोरिलिफ़े ई.वी.) द्वारा मनाया गया. यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ाता है और लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में शिक्षित करता है. जानलेवा ब्रेन ट्यूमर जर्मनी में बहुत आम है, क्योंकि केवल जर्मनी में 8,000 से अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. दुनियाभर में प्रतिदिन ब्रेन ट्यूमर के 500 से अधिक नए मामलों का पता चलता है. मस्तिष्क मेटास्टेस के कारण बनने वाले ट्यूमर वाले रोगियों की संख्या इससे भी अधिक है.
यह भी पढ़ें: World Brain Tumor Day 2019: अब ब्रेन ट्यूमर के मरीज भी जी सकते हैं लंबी जिंदगी
यह बच्चों में कैंसर का सबसे आम प्रकार है. भारत में ब्रेन ट्यूमर के मामले और व्यापकता बढ़ रही है. बच्चों के कैंसर पर एक अध्ययन के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर लड़कियों में और यहां तक कि वयस्क में लड़के-लड़कियों दोनों में सबसे आम है. भारत सरकार राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम चलाती है, जिसमें रोकथाम, स्क्रीनिंग, प्रारंभिक पहचान, निदान और उपचार शामिल है.
क्या है ब्रेन ट्यूमर?
जब शरीर में कोशिकाओं की अनावश्यक वृद्धि होती है, तो उन्हें कैंसर के रूप में जाना जाता है. ब्रेन ट्यूमर तब होता है, जब मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में असामान्य कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं. धीरे-धीरे कोशिकाओं और ऊतकों की एक गांठ बन जाती है, जिसे ट्यूमर कहा जाता है. ट्यूमर जब दिमाग के भीतर बनता है, तो इसे ब्रेन ट्यूमर कहते है. एक समय के बाद कई बार यह ब्रेन कैंसर के रूप में बदल जाते हैं. मालूम हो कि यह ट्यूमर फैलने की गति पर निर्भर करता है, जिसे 1-4 तक का ग्रेड दिया जाता है. ट्यूमर मुख्यतः दो श्रेणी में बांटा जाता है- घातक और सामान्य ट्यूमर.
ब्रेन ट्यूनर से जुड़े सामान्य तथ्य
- ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है.
- ब्रेन ट्यूमर का सही कारण स्पष्ट नहीं है.
- ब्रेन ट्यूमर के लक्षण उनके आकार, प्रकार और स्थान पर निर्भर करते हैं.
- वयस्कों में प्रारंभिक ब्रेन ट्यूमर का सबसे आम प्रकार एस्ट्रोसाइटोमा, मेनिंगियोमा, और ओलिगोडेन्ड्रोगोमा है.
- बच्चों में प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य प्रकार मेडुलोब्लास्टोमा, ग्रेड I या II एस्ट्रोसाइटोमा, (या ग्लियोमा) एपेंडिमोमा और मस्तिष्क स्टेम ग्लियोमा हैं.
- पारिवारिक इतिहास और एक्स-रे के हाई डोज ब्रेन ट्यूमर के लिए जोखिम कारक हैं.
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
ब्रेन ट्यूमर शुरुआत से ही कुछ सामान्य लक्षण देने लगता है. जिनमें सिरदर्द, दौरे, नजर की समस्या, उल्टी और मानसिक परिवर्तन है. रोगी को सुबह सिरदर्द और उल्टी महसूस हो सकती है. किसी विषय पर बार-बार सोचने के लिए बल का प्रयोग करना, चलने, स्पर्श, सूंघने, सुनने आदि की क्रियाओं में परिवर्तन के लक्षण दिखने लगते हैं. ट्यूमर के बढ़ने पर सिर के साथ गर्दन में भी दर्द होने लगता है और रोगी अचानक बेहोश हो सकता है.
ब्रेन ट्यूमर के लिए उपचार
डॉक्टर ट्यूमर को पहले ग्रेड देते हैं, उसके बाद मरीज के शरीर और सामान्य स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए इलाज करते हैं. जिसमें सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी या कॉम्बिनेशन, वेंट्रिकुलर पेरिटोनियलशंट स्टेरॉयड, इलाज शामिल है.