Vishwakarma Puja 2020 Messages & Images In Hindi: दुनिया के पहले इंजीनियर और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा (Bhagwan Vishwkarma) की पूजा का उत्सव आज (16 सितंबर 2020) पूरे देश में मनाया जा रहा है. हर साल विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है. मान्यता है कि इसी दिन देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. इस दिन कारखानों और फैक्ट्रियों में मौजूद सभी तरह की मशीनों की पूजा की जाती है. विश्वकर्मा जी वास्तुदेव (Vastu Dev) और माता अंगिरसी (Mata Angirasi) की संतान हैं, जो शिल्पकारों और रचनाकारों के ईष्ट देव हैं. माना जाता है कि उन्होंने सृष्टि की रचना में ब्रह्मा जी की मदद की थी और संसार का मानचित्र बनाया था. कहा जाता है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन विधिपूर्वक उनकी पूजा करने से रोजगार और उद्योग में सफलता प्राप्त होती है.
विश्वकर्मा पूजा के शुभ अवसर पर आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को शुभकामनाएं न दें ऐसे भला कैसे हो सकता है? इस खास मौके पर इन शानदार हिंदी कोट्स, मैसेजेस, इमेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ विशेज और वॉलपेपर्स के जरिए अपनों को इस पर्व की बधाई दे सकते हैं और इस पर्व की शुभता को बढ़ा सकते हैं.
1- इस दुनिया में छाई है,
आपकी ही सुंदर रचना,
सुख और दुःख में हम,
जपते आपका नाम हरदम.
हैप्पी विश्वकर्मा पूजा
2- विश्वकर्मा की करो जयकार,
करते वे सदा सब पर उपकार,
इनकी महिमा सबसे है न्यारी,
हे भगवान अर्ज सुनो हमारी.
हैप्पी विश्वकर्मा पूजा
3- पूरी दुनिया कर रही है कर्म,
इंसानियत से बड़ा हो गया है आज जाति और धर्म,
कई जगहों पर भूखे-पेट सो रहे इंसान,
उनको भोजन देना हे विश्वकर्मा भगवान.
हैप्पी विश्वकर्मा पूजा
4- विश्वा विश्वकर्मा प्रभु मेरे,
हो प्रसन्न हम बालक तेरे,
आप सदा रहें इष्टदेव हमारे,
वास करें प्रभु मन में सदा हमारे.
हैप्पी विश्वकर्मा पूजा
5- जिन्हें कर्म में विश्वास है,
विश्वकर्मा जी उनके पास हैं,
सदकर्म करते रहते हैं वो पावनधरा पर,
शरीर में उनके जब तक अंतिम सांस हैं,
हैप्पी विश्वकर्मा पूजा
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भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के लिए सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और उनकी विधिवत पूजा करें. पूजा के दौरान अक्षत, हल्दी, फूल, पान, सुपारी, मिठाई, फल, धूप, दीप और रक्षासूत्र इत्यादि सामग्री का उपयोग करें. पूजन के दौरान भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना करें कि आपके घर में सुख, शांति एवं समृद्धि का वास हो. पूजा के आखिर में भगवान विश्वकर्मा और श्री विष्णु जी की आरती उतारें और सबको प्रसाद दें.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण की सोने की लंका, कृष्ण की द्वारिका नगरी, पांडवों की इंद्रप्रस्थ नगरी के अलावा भगवान शिव के त्रिशूल, भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र, यमराज के कालदंड, देवराज इंद्र के वज्र, भगवान जगन्नाथ सहित बलभद्र और सुभद्रा की मूर्ति, दानवीर कर्ण के कंण्डल, पुष्पक विमान जैसी भव्य एवं चमत्कारिक वस्तुओं का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था.