Vijaya Ekadashi 2021 Wishes & HD Images: विजया एकादशी की इन मनमोहक WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, Wallpapers के जरिए दें बधाई
एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय है, इसलिए इसका व्रत करने पर वो भक्तों पर बेहद प्रसन्न होते हैं. खासकर अगर आप अपने शत्रुओं पर विजय और सभी कार्यों में सफलता पाना चाहते हैं तो विजया एकादशी का व्रत जरूर करें. इसके साथ ही इन मनमोहक विशेज, एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को विजया एकादशी की बधाई दें.
Vijaya Ekadashi 2021 Wishes & HD Images in Hindi: आज (9 मार्च 2021) विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) का पर्व मनाया जा रहा है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने और दुश्मनों पर विजय प्राप्त करने वाली मानी जाती है. विजया एकादशी के दिन व्रत रखकर विधि पूर्वक भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से शत्रु परास्त होते हैं और सभी कार्यों में विजय की प्राप्ति होती है. एकादशी के व्रत को सभी व्रतों में सर्वोत्तम माना गया है और इसका जिक्र महाभारत (Mahabharat) व रामायण काल (Ramayan) में भी मिलता है. कहा जाता है कि लंकापति रावण से युद्ध आरंभ होने पर समुद्र पार करने से पहले भगवान राम (Lord Rama) ने विजया एकादशी का व्रत रखा था. महाभारत काल में श्रीकृष्ण के कहने पर धर्मराज युधिष्ठिर ने भी यह व्रत रखा था. एकादशी का व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण कर जीवन में सुख-समृद्धि और आरोग्य लाता है.
एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय है, इसलिए इसका व्रत करने पर वो भक्तों पर बेहद प्रसन्न होते हैं. खासकर अगर आप अपने शत्रुओं पर विजय और सभी कार्यों में सफलता पाना चाहते हैं तो विजया एकादशी का व्रत जरूर करें. इसके साथ ही इन मनमोहक विशेज, एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को विजया एकादशी की बधाई दें.
1- विजया एकादशी 2021
2- विजया एकादशी 2021
3- विजया एकादशी 2021
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4- विजया एकादशी 2021
5- विजया एकादशी 2021
विजया एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें, फिर भगवान विष्णु की आराधना करें. पूजन के दौरान श्रीहरि को पीले फूल, पीले फल, मिठाई और तुलसी दल अर्पित करें. इसके साथ ही घी में हल्दी मिलाकर दीपक प्रज्जवलित करें. पीपल के पत्ते पर दूध और केसर से बनी मिठाई रखकर उन्हें अर्पित करें और एकादशी की शाम तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाएं. इस दिन श्रीहरि के साथ माता लक्ष्मी की भी उपासना करें और द्वादशी तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन व दक्षिणा देने के बाद अपने व्रत का पारण करें.