Veer Savarkar Punyatithi 2023 Quotes in Hindi: भारत के स्वतंत्रता सेनानी (Freedom Fighter), राजनीतिज्ञ, वकील, लेखक, समाज सुधारक और हिंदुत्व दर्शन के सूत्रधार वीर सावरकर (Veer Savarkar) का निधन 26 फरवरी 1966 को मुंबई में हुआ था. आज यानी 26 फरवरी को उनकी पुण्यतिथि मनाई जा रही है. वीर सावरकर यानी विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक (Nashik) स्थित भागपुर गांव में हुआ था. महज 12 साल की उम्र में उन्होंने एक समूह के खिलाफ छात्रों का नेतृत्व किया था, जिसके चलते उन्हें वीर उपनाम दिया गया. सन 1901 में उन्होंने यमुनाबाई से शादी की थी, जो रामचंद्र त्रयंबर चिपलूनकर की बेटी थीं. सन 1923 में सावरकर ने हिंदुत्व शब्द की स्थापना की. उन्होंने अपनी पुस्तक हिंदुत्व में दो रा।ट्र सिद्धांत की स्थापना की थी, जिसमें हिंदुओं और मुसलमानों को दो अलग-अलग राष्ट्र कहा गया, जिसे 1937 में हिंदू महासभा ने एक प्रस्ताव को रूप में पारित किया.
वीर सावरकर ने राष्ट्रध्वज तिरेंग के बीच में धर्म चक्र लगाने का सुझाव दिया था, जिसे राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने माना था. वे ऐसे पहले क्रांतिकारी थे, जिन्होंने देश के विकास का चिंतन किया. वो जितने क्रांतिकारी थे, उनके विचारों में भी उसकी झलक देखने को मिलती थी. ऐसे में वीर सावरकर की पुण्यतिथि पर आप उनके इन 10 महान विचारों को शेयर कर उन्हें नमन कर सकते हैं.
1- महान लक्ष्य के लिए किया गया कोई भी बलिदान व्यर्थ नहीं जाता है.
2- अपने देश की, राष्ट्र की, समाज की स्वतंत्रता हेतु प्रभु से की गई मूक प्रार्थना भी सबसे बड़ी अहिंसा का द्योतक है.
3- कर्तव्य की निष्ठा संकटों को झेलने में, दुख उठाने में और जीवन भर संघर्ष करने में ही समाविष्ट है.यश अपयश तो मात्र योगायोग की बातें हैं.
4- कष्ट ही तो वह चाक शक्ति है जो इंसान को कसौटी पर परखती है और उसे आगे बढ़ाती है.
5- दूसरों का सम्मान करने की शक्ति रखने वालों में ही मैत्री संभव है.
6- मनुष्य की संपूर्ण शक्ति का मूल उसकी खुद की अनुभूति में ही विद्यमान है.
7- उन्हें शिवाजी को मनाने का अधिकार है, जो शिवाजी की तरह अपनी मातृभूमि को आजाद कराने के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं.
8- देश-हित के लिए अन्य त्यागों के साथ जन-प्रियता का त्याग करना सबसे बड़ा और ऊंचा आदर्श है.
9- मन, सृष्टि के विधाता द्वारा मानव-जाति को प्रदान किया गया एक ऐसा उपहार है, जो मनुष्य के परिवर्तनशील जीवन की स्थितियों के अनुसार स्वयं अपना रूप और आकार भी बदल लेता है.
10- अन्याय का जड़ से उन्मूलन कर सत्य धर्म की स्थापना हेतु क्रांति, प्रतिशोध आदि प्रकृतिप्रदत्त साधन ही हैं.
वीर सावरकर को अंडमान के जेल में एकांत कारावास में रखा गया था. उस दौरान उन्होंने जेल की दीवारों पर कील और कोयले से कविताएं लिखीं, उन्हें याद किया, फिर जेल से बाहर निकलने के बाद उन कविताओं को उन्होंने फिर से लिखा. वे विश्व के पहले ऐसे लेखक थे, जिनकी कृति 1857 का प्रथम स्वतंत्रता को 2 देशों ने प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया था. वो पहले ऐसे भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने विदेशी वस्त्रों की होली जलाई थी.