Tholi Ekadashi 2024 Wishes: थोली एकादशी की इन हिंदी WhatsApp Messages, Quotes, GIF Greetings, Photo SMS के जरिए दें शुभकामनाएं
थोली एकादशी यानी देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु का शयनकाल प्रारंभ होता है और वो चार महीने की योगनिद्रा के लिए क्षीरसागर में चले जाते हैं. इस तिथि से चतुर्मास और देवों की रात्रि शुरु हो जाती है, इसलिए चार महीने के लिए सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. इस अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए थोली एकादशी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Tholi Ekadashi 2024 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को थोली एकादशी मनाई जाती है, जिसे देवशयनी एकादशी (Dev Shayani Ekadashi), आषाढ़ी एकादशी (Ashadhi Ekadashi) और हरिशयनी एकादशी (Hari Shayani Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. इस एकादशी को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), तेलंगाना (Telangana) और दुनिया भर में रहने वाले तेलुगु भाषियों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे थोली एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस साल थोली एकादशी 17 जुलाई 2024 को मनाई जा रही है. थोली एकादशी को वैष्णव समुदाय के लोगों के लिए बेहद खास माना जाता है और इस दिन श्रीहरि के भक्त व्रत रखकर विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि थोली एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है.
थोली एकादशी यानी देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु का शयनकाल प्रारंभ होता है और वो चार महीने की योगनिद्रा के लिए क्षीरसागर में चले जाते हैं. इस तिथि से चतुर्मास और देवों की रात्रि शुरु हो जाती है, इसलिए चार महीने के लिए सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. इस अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए थोली एकादशी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
थोली एकादशी के दिन से चतुर्मास की शुरुआत होती है और श्रीहरि का शयनकाल प्रारंभ हो जाता है, इसलिए इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं. किसानों के लिए थोली एकादशी का विशेष महत्व बताया जाता है, क्योंकि इस दिन पहली बारिश के बाद किसान अपनी खेतों में बीज बोना शुरु करते हैं. इसके साथ ही इस दिन भव्य भोज का आयोजन कराया जाता है, साथ ही गरीबों और बच्चों को भी भोजन कराया जाता है. इस दिन जरूरतमंदों को दान देने से पुण्य फलों को प्राप्ति होती है और उन्हें पापों से मुक्ति मिलती है.