Teachers’ Day 2020: छात्रों के लिए शिक्षक दिवस (Teachers’ Day) एक बेहद खास दिन है, क्योंकि इस दिन छात्रों को अपने शिक्षकों (Teachers') की सराहना करने, उनके योगदान और निरंतर समर्थन के लिए आभार जताने का अवसर मिलता है. दुनिया के तमाम देशों में विभिन्न दिनों और तिथियों पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जबकि भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. भारत में शिक्षक दिवस भारत रत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती पर मनाया जाता है. आखिर 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? अब जब शिक्षक दिवस बेहद करीब है तो चलिए जानते हैं शिक्षकों को समर्पित इस दिवस का इतिहास और महत्व (History And Significance of Teachers’ Day)...
शिक्षक दिवस 2020 तिथि
भारत में हर साल शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है. इस दिन महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती भी मनाई जाती है. इस दिन शिक्षकों के योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है और उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है.
शिक्षक दिवस का इतिहास और महत्व
भारत में 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस मनाने के पीछे यह तर्क है कि इसी दिन आजाद भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Radhakrishnan) की जयंती मनाई जाती है. डॉ. राधाकृष्णन एक महान शिक्षाविद और शिक्षक के रूप में दुनिया भर में प्रख्यात थे. शिक्षा की उपयोगिता को सर्वोपरि स्थान देते हुए उन्होंने भारत सरकार को मशविरा दिया था कि सर्वश्रेष्ठ दिमाग वालों को ही शिक्षा प्रदान करने यानी ‘शिक्षक’ का दायित्व सौंपना चाहिए. डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था. उन्होंने विभिन्न भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कॉलेजों में प्रोफेसर के रूप में काम किया.
जब डॉ. एस राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने तो उनके कुछ छात्र व मित्र उनके पास पहुंचे और उनसे अनुरोध किया कि वे उन्हें अपना जन्मदिन मनाने की अनुमति दें. उन्होंने उत्तर दिया कि मेरे जन्मदिन को अलग से मनाने के बजाय इस 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे लिए गौरवपूर्ण सौभाग्य होगा. तब से उनकी जयंती यानी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा. इस दिन छात्रों द्वारा शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.