Swami Vivekananda Jayanti 2022 Quotes: स्वामी विवेकानंद जी की 158वीं जयंती, दोस्तों- रिश्तेदारों संग शेयर करें उनके ये 10 प्रेरणादायी विचार
स्वामी विवेकानंद जी को भारत का आध्यात्मिक गुरु कहा जाता है. स्वामी विवेकानंद हर युवा के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं, क्योंकि उन्होने युवाओं को आगे बढ़ने के लिए कई प्रेरणादायक बातें बताई थीं. आगे बढ़ने, मेहनत करने और सफलता के मूलमंत्र के तौर उनकी हर बातें सभी को प्रोत्साहित करती हैं. आप स्वामी विवेकानंद जी की 158वीं जयंती पर उनके ये 10 महान विचार अपने दोस्तो-रिश्तेदारों के साथ शेयर कर सकते हैं.
Swami Vivekananda Jayanti 2021 Quotes in Hindi: हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती (Swami Vivekananda Jayanti) मनाई जाती है. इस साल स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयंती (Swami Vivekananda 158th Birth Anniversary) मनाई जा रही है, जिसे राष्ट्रीय युवा दिवस यानी नेशनल यूथ डे (National Youth Day) के तौर पर भी जाना जाता है. उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता के साधारण परिवार में हुआ था, जन्म के बाद उन्हें नरेंद्र दत्त नाम दिया गया था. उनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील थे, जबकि मां भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों वाली एक घरेलू महिला थीं. जब स्वामी विवेकानंद जी का मन आध्यात्म की ओर आकर्षित हुआ तब उन्होंने करीब 25 साल की उम्र में संन्यास ले लिया. घर-द्वार छोड़कर संन्यास धारण करने के बाद उनका नाम स्वामी विवेकानंद पड़ा. रामकृष्ण परमहंस के प्रिय शिष्य स्वामी विवेकानंद की मुलाकात सन 1881 में कलकत्ता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में हुई थी.
कम उम्र में सांसारिक मोह माया को छोड़कर संन्यास लेने वाले स्वामी विवेकानंद जी को भारत का आध्यात्मिक गुरु कहा जाता है. स्वामी विवेकानंद हर युवा के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं, क्योंकि उन्होने युवाओं को आगे बढ़ने के लिए कई प्रेरणादायक बातें बताई थीं. आगे बढ़ने, मेहनत करने और सफलता के मूलमंत्र के तौर उनकी हर बातें सभी को प्रोत्साहित करती हैं. आप स्वामी विवेकानंद जी की 158वीं जयंती पर उनके ये 10 महान विचार अपने दोस्तो-रिश्तेदारों के साथ शेयर कर सकते हैं.
1- सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.
2- खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है.
3- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी.
4- किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.
5- सभी शक्तियां आपके अंदर हैं, आप कुछ भी और सब कुछ कर सकते हैं.
6- संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है, असंभव से आगे निकल जाना.
7- दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो.
8- उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए.
9- एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो, बाकी सब कुछ भूल जाओ.
10- अपने इरादों को मजबूत रखो, लोग जो कहते हैं उन्हें कहने दो, एक दिन वही लोग तुम्हारा गुणगान करेंगे.
गौरतलब है कि स्वामी विवेकानंद जी ने अमेरिका के शिकागों में सन 1893 में आयोजित धर्म संसद में हिंदी भाषा में अपने भाषण की शुरुआत करके हर किसी का दिल जीत लिया था. करीब 2 मिनट तक आर्य इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो उनके भाषण के बाद तालियों से गूंजता रहा. 1 मई 1897 में उन्होंने कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और 9 दिसंबर 1898 को गंगा नदी के किनार बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी.