Subho Sasthi 2021 Maa Durga Images: सुभो षष्ठी! इन मनमोहक WhatsApp Wishes, HD Photos, Facebook Greetings, Wallpapers को भेजकर दें दुर्गा पूजा की बधाई
सुभो षष्ठी 2021 (Photo Credits: File Image)

Subho Sasthi 2021 Maa Durga Images: मां आदिशक्ति, देवी दुर्गा (Maa Durga) की उपासना के पर्व शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की शुरुआत इस साल 7 अक्टूबर 2021 से हो गई है, जिसका समापन 15 अक्टूबर 2021 को दशहरे (Dussehra) के साथ होगा, जबकि पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja) की शुरुआत इस साल 11 अक्टूबर को महा षष्ठी (Maha Shashthi) तिथि से हो रही है और समापन 15 अक्टूबर को विजया दशमी के साथ होगा. दुर्गा पूजा उत्सव को पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा और त्रिपुरा जैसे राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. दुर्गा पूजा उत्सव महालया (Mahalaya) के छह दिन बाद से शुरू होता है और इस दौरान देवी की महिमा का गुणगान किया जाता है. मान्यता है कि देवी महालया के दिन कैलाश से धरती पर आती हैं और अपने भक्तों के बीच 9 दिनों तक रहकर उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं, इसके बाद विजया दशमी पर वो फिर कैलाश लौट जाती हैं.

शारदीय नवरात्रि की महा षष्ठी से दुर्गा पूजा की शुरुआत हो जाती है और बंगाली समुदाय के लोगों में इसका खासा उत्साह देखने को मिलता है. दुर्गा पूजा के आगाज के साथ ही लोग एक-दूसरे के साथ शुभकामना संदेशों का आदान प्रदान कर बधाई देते हैं. आप भी मां दुर्गा के इन मनमोहक इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, एचडी फोटोज, फेसबुक ग्रीटिंग्स और वॉलपेपर्स को भेजकर सबको सुभो षष्ठी कह सकते हैं.

1- सुभो महा षष्ठी 2021

सुभो षष्ठी 2021 (Photo Credits: File Image)

2- सुभो महा षष्ठी 2021

सुभो षष्ठी 2021 (Photo Credits: File Image)

3- सुभो महा षष्ठी 2021

सुभो षष्ठी 2021 (Photo Credits: File Image)

4- सुभो महा षष्ठी 2021

सुभो षष्ठी 2021 (Photo Credits: File Image)

5- सुभो महा षष्ठी 2021

सुभो षष्ठी 2021 (Photo Credits: File Image)

पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की शुरुआत बहुत ही भव्य और शानदार तरीके से की जाती है. पहले दिन यानी षष्ठी तिथि को ढाक-ढोल और स्वादिष्ट पकवान के साथ देवी दुर्गा का स्वागत किया जाता है. इसके साथ ही पहले दिन देवी की प्रतिमाओं के मुख का अनावरण किया जाता है. इतना ही नहीं इस दिन देवी दुर्गा के स्वागत में कई अनुष्ठान किए जाते हैं और षष्ठी से दशमी तिथि तक उनकी पूजा-अर्चना धूमधाम से की जाती है.