Shubh Durga Navami 2019 Wishes & Messages: नवरात्रि (Navratri) के नौवें दिन दिन को महानवमी (Maha Navami) और दुर्गा नवमी (Durga Navami) के नाम से जाना जाता है. इस दिन देवी दुर्गा (Maa Durga) के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) की पूजा की जाती है. नौ दिनों की नवरात्रि का हर दिन बेहद खास होता है और हर दिन देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के आखिरी दिन पूरे नौ दिन का व्रत रखने वाले भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, नवरात्रि हवन किया जाता है और कन्या पूजन करके इस व्रत का पारण किया जाता है. कहा जाता है कि नवरात्रि के नौ दिन देवी में धरती पर अपने मायके में रहने के लिए आती हैं और दसवें दिन यानी दशहरे के दिन उनकी विदाई होती है.
ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए इस दिन को महानवमी और दुर्गा नवमी के रूप में मनाया जाने लगा. महानवमी यानी दुर्गा नवमी के इस पावन अवसर पर आप भी देवी दुर्गा के भक्तों, अपने प्रियजनों और दोस्तों को इन शानदार हिंदी फेसबुक ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, ग्रीटिंग्स, एसएमएस, जीआईएफ और वॉलपेपर्स के जरिए शुभ दुर्गा नवमी कह सकते हैं.
1- या देवी सर्व भूतेषु, शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
मां दुर्गा आपको, सुख- समृद्धि,
यश, संपदा और कीर्ति प्रदान करें.
दुर्गा नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं.
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2- नव शक्ति, नव चेतना,
नव उत्थान, नव भक्ति,
नव आराधना,नव कल्याण,
नव ज्योत्सना, नव कल्पना,
और नव निर्माण,
महानवमी के पर्व पर पूरी हो आपकी हर मुराद.
शुभ दुर्गा नवमी
3- माता आई हैं, खुशियों के भंडार लायी हैं,
सच्चे दिल से मांग कर तो देखो,
मां की तरफ से कभी ना नहीं होगी,
तो प्रेम से बोलो 'जय माता दी'
शुभ दुर्गा नवमी
4- मां की आराधना का ये पर्व है,
मां के नौ रूपों की भक्ति का पर्व है,
बिगड़े काम बनाने का पर्व है,
भक्ति का दीपक दिल में जलाने का पर्व है.
शुभ दुर्गा नवमी
5- क्या है पापी, क्या है घमंडी,
मां के दर पर सभी शीश झुकाते,
मिलता है चैन तेरे दर पर मैया,
झोली भरके सभी हैं जाते,
दुर्गा नवमी की हार्दिक बधाई.
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गौरतलब है कि महानवमी के दिन महास्नान और षोडशोपचार पूजा करने का विधान है. इस खास पूजा को अष्टमी तिथि की शाम ढलने के बाद उस समय की जाती है जब नवमी तिथि लग जाती है. नवमी के दिन नवरात्रि समापन के लिए हवन किया जाता है. कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया जाता है और उनका आशीर्वाद लिया जाता है.