Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2022 Quotes in Hindi: आज यानी 19 फरवरी 2023 को मराठा शासक और महाराष्ट्र के वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti) की 393वीं जयंती मनाई जा रही है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवाजी जयंती (Shivaji Jayanti) या शिव जयंती (Shiv Jayanti) को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) भारत माता के एक ऐसे वीर सपूत थे, जिन्होंने अपनी वीरता और पराक्रम के दम पर मुगलों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिए थे. मराठा साम्राज्य की स्थापना करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को पुणे के पास स्थित शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. उनके पिता का नाम शाहजी भोंसले और माता का नाम जीजाबाई था. बताया जाता है कि माता शिवाई के नाम पर ही शिवाजी महाराज का नाम रखा गया था.
शिवाजी महाराज भारत के एकमात्र ऐसे योद्धा थे जिन्होंने गोरिल्ला युद्ध नीति को जन्म दिया था और युद्ध के दौरान इसका इस्तेमाल भी किया. शिवाजी महाराज जितने वीर योद्धा और महान शासक थे, उनके विचार भी उतने ही महान थे. ऐसे में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर आप उनके इन 10 महान विचारों को दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करके उनकी जयंती मना सकते हैं.
1- इस दुनिया में हर व्यक्ति को स्वतंत्र रहने का अधिकार है और उस अधिकार को पाने के लिए वह किसी से भी लड़ सकता है.
2- जो मनुष्य अपने बुरे समय में भी अपने कार्यो में डटा रहता है, उसके लिए बुरा समय भी अच्छे में तब्दील हो जाता है.
3- शत्रु को कमजोर नहीं समझना चाहिए और ना ही बलवान, जो वो आपके साथ कर रहा है उस पर ही ध्यान देना चाहिए.
4- जब आप अपने लक्ष्य को तन-मन से चाहोगे तो मां भवानी की कृपा से जीत आपकी ही होगी.
5- यद्यपि सबके हाथ में एक तलवार होती है, लेकिन वो ही साम्राज्य स्थापित करता है जिसमें इच्छा शक्ति होती है.
6- एक वीर योद्धा हमेशा केवल विद्वानों के सामने ही झुकता है.
7- किसी भी चीज को पाने का हौसला बुलंद हो तो पर्वत को भी मिट्टी में बदला जा सकता है.
8- किसी भी कार्य को करने से पहले उसके परिणाम को सोच लेना भी बेहतर होता है, क्योंकि आने वाली पीढ़ी आपका ही अनुसरण करती है.
9- अपने आत्मबल को जगाने वाला, खुद को पहचानने वाला और मानव जाति के कल्याण की सोच रखने वाला पूरे विश्व पर राज कर सकता है.
10- जो व्यक्ति स्वराज्य और परिवार के बीच स्वराज्य को चुनता है, वही एक सच्चा नागरिक होता है.
बताया जाता है कि शिवाजी महाराज के जन्म के समय मुगलों का साम्राज्य पूरे देश में फैल चुका था, लेकिन शिवाजी महाराज ने अपने जीवन काल में कभी मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके. बचपन से ही वो अपनी माता जीजाबाई से युद्ध कौशल और राजनीति की शिक्षा लेने लगे थे. उन्होंने मुगलों को अपने सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया और मराठा साम्राज्य की नींव रखी, जिसके बाद वे शिवाजी भोंसले से छत्रपति शिवाजी महाराज बन गए.