Shiv Jayanti 2022 Messages: भारत के इतिहास में कई वीर सपूतों का नाम शुमार है, जिनमें से एक हैं छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj)... जिन्हें मराठा गौरव भी कहा जाता है. सन 1674 में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले महान मराठा शासक और स्वराज्य की स्थापना करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ था. उनके जन्मदिवस के अवसर पर हर साल भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाई जाती है. इस साल शिवाजी महाराज की 392वीं जयंती (Shivaji Maharaj Birth Anniversary) मनाई जा रही है और इस अवसर पर महाराष्ट्र में सार्वजनिक अवकाश होता है. शिव जयंती पर शिवाजी महाराज द्वारा किए गए अद्भुत बलिदान को याद किया जाता है.
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती को महाराष्ट्र में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर लोग एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भेजकर इसके जश्न को दोगुना कर देते हैं. आप भी शिव जयंती के इस खास मौके पर इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस को भेजकर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को शुभकामनाएं दे सकते हैं. यह भी पढ़ें: Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2022: छत्रपति शिवाजी महाराज, जिन्होंने स्वराज्य के लिए किया सर्वस्व न्योछावर, जानें उनके जीवन से जुडी अहम बातें
1- हम शेर हैं, शेरों की तरह हंसते हैं
क्योंकि हमारे दिलों में,
छत्रपति शिवाजी महाराज बसते हैं
जय शिवराय...
शिव जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
2- मां ने चलना सिखाया,
पिता ने मुझे बोलना सिखाया,
और शिवाजी महाराज ने,
हमें जीना सिखाया...
शिव जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
3- ओम् कहने से मन को शक्ति मिलती है,
राम बोलने से पापों से मुक्ति मिलती है,
जय शिवराय बोलने के बाद...
हमें सौ बाघों की ताकत मिलती है...
शिव जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
4- जय भवानी... जय शिवाजी...
हर मराठा पागल है...
स्वराज का... भगवे का...
और शिवाजी राजे का...
शिव जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
5- स्वतंत्रता एक वरदान है,
जिसे पाने का अधिकारी हर कोई है,
कहने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज
को हमारा शत-शत नमन...
शिव जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
छत्रपति शिवाजी महाराज ऐसे पहले भारतीय शासक थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र की रक्षा के लिए नौसेना बल की अवधारणा को पेश किया था. उन्होंने अपनी बटालियन में कई मुस्लिम सैनिकों को भी नियुक्त किया था. उनका नाम शिवाजी भोंसले था, जिन्हें 1674 में औपचारिक तौर पर छत्रपति या मराठा साम्राज्य के सम्राट के तौर पर ताज पहनाया गया था. उन्होंने अपने शासन काल में अदालत और प्रशासन में मराठी और संस्कृति के उपयोग को बढ़ावा देने का फैसला किया था.