Sheetala Ashtami 2025 Wishes: शुभ शीतला अष्टमी! इन भक्तिमय हिंदी WhatsApp Messages, GIF Greetings, Quotes के जरिए दें पर्व की बधाई
शीतला अष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

Sheetala Ashtami 2025 Wishes in Hindi: शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami) का पर्व हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन माता शीतला (Mata Sheetala) की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर मां शीतला की विधिवत पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है. इसे स्थानीय भाषा में बसौड़ा, बूढ़ा बसौडा या बसियौरा के नाम से भी जाना जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस साल शीतला अष्टमी का व्रत 22 मार्च 2025 को रखा जा रहा है. शीतला अष्टमी की पूजा के लिए एक दिन पहले यानी सप्तमी तिथि की शाम का शुद्धता के साथ मीठी रोटी और मीठे चावल का भोग तैयार करना चाहिए. अगले दिन यानी अष्टमी तिथि पर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद माता शीतला की विधि-विधान से पूजा करते हुए उन्हें बासी भोजन का भोग लगाना चाहिए और फिर उसे प्रसाद रुप में ग्रहण करना चाहिए.

माता शीतला की पूजा करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं. इसके अलावा मातारानी चेचक और खसरा जैसे रोगों से भी रक्षा करती हैं. इस दिन बासी भोजन करना चाहिए, जिसे एक दिन पहले ही तैयार कर लेना चाहिए. इसके साथ ही आप इस बेहद खास अवसर पर इन भक्तिमय हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए अपनों को शीतला अष्टमी की बधाई दे सकते हैं.

1- शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।

शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।

शुभ शीतला अष्टमी

शीतला अष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

2- देवी के कदम आपके घर में आए,

आप खुशहाली से नहाएं,

परेशानियां आपसे आंखें चुराए...

शुभ शीतला अष्टमी

शीतला अष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

3- शीतला अष्टमी के पावन पर्व पर,

भगवती शीतला से आप सभी के स्वस्थ एवं,

मंगलमय जीवन तथा अपार सुख-समृद्धि का

संचार करने की कामना करते हैं...

शुभ शीतला अष्टमी

शीतला अष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

4- सजा है दरबार,

एक ज्योति जगमगाई है,

सुना है शीतला अष्टमी का त्योहार आया है,

वो देखो मंदिर में मेरी माता मुस्कराई हैं…

शुभ शीतला अष्टमी

शीतला अष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

माता शीतला के स्वरुप को अत्यंत कल्याणकारी माना जाता है. गदर्भ पर विराजमान माता शीतला अपने हाथों में झाडू, कलश, सूप और नीम की पत्तियां धारण करती हैं. होली के आठवें दिन शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाता है, इसके लिए माता शीतला का भोग और परिवार के सदस्यों का भोजन व्रत से एक दिन पहले ही बनाया जाता है. शीतला अष्टमी के दिन पूजा के दौरान मातारानी को ठंडे यानी बासी भोजन का भोग लगाया जाता है और फिर उसे प्रसाद के रूप में खुद भी परिवार के साथ ग्रहण किया जाता है.

मान्यता है कि माता शीतला शीतलता की देवी हैं, इसलिए व्रत करने वालों को इस दिन गर्म चीजें खाने और पूजा में इस्तेमाल करने की मनाही होती है. वहीं बासी भोजन ठंडा होता है, जिसके सेवन से शरीर को ठंडक मिलती है. बहरहाल, मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाने की परंपरा हमें शरीर में शीतलता और संतुलन बनाए रखने का संदेश भी देती है.