Sharad Navratri 2024 E-Invitation: शारदीय नवरात्रि के लिए प्रियजनों को करें आमंत्रित, उत्सव में शामिल होने के लिए भेजें ये प्यार भरे ई-इनविटेशन
शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की प्रतिमाओं को घरों और पंडालों में स्थापित किया जाता है. भक्तों के बीच मातारानी का आगमन होते ही हर तरफ उनकी जय-जयकार सुनाई देने लगती है. इस उत्सव में शामिल होने के लिए लोग बकायदा अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और करीबियों को आमंत्रित करते हैं. ऐसे में आप भी इस पावन अवसर पर इन प्यार भरे ई-इनविटेशन को भेजकर प्रियजनों को शारदीय नवरात्रि के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.
Sharad Navratri 2024 E-Invitation in Hindi: अश्विन मास की अमावस्या यानी सर्वपितृ अमावस्या (Sarvpitru Amavasya) पर पितरों को विदाई देने के बाद अगले दिन से मां दुर्गा की अपासना के नौ दिवसीय पर्व शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की शुरुआत हो जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है और अश्विन शुक्ल नवमी को महानवमी के साथ नौ दिवसीय नवरात्रि का समापन होता है, जबकि उसके अगले दिव विजयादशमी (Vijayadashami) यानी दशहरे (Dussehra) का त्योहार मनाया जाता है. इस साल 3 अक्टूबर 2024 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जबकि महानवमी 11 अक्टूबर को होगी और 12 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा. नवरात्रि का नौ दिवसीय उत्सव मां दुर्गा (Maa Durga) के 9 स्वरुपों को समर्पित है और हर दिन उनके एक स्वरूप की पूजा की जाती है. कई लोग जहां नौ दिनों का व्रत करके मां आदिशक्ति की उपासना करते हैं तो वहीं कई लोग पहले और आखिरी दिन व्रत करते हैं.
शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की प्रतिमाओं को घरों और पंडालों में स्थापित किया जाता है. भक्तों के बीच मातारानी का आगमन होते ही हर तरफ उनकी जय-जयकार सुनाई देने लगती है. इस उत्सव में शामिल होने के लिए लोग बकायदा अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और करीबियों को आमंत्रित करते हैं. ऐसे में आप भी इस पावन अवसर पर इन प्यार भरे ई-इनविटेशन को भेजकर प्रियजनों को शारदीय नवरात्रि के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या यानी महालया के दिन मां दुर्गा कैलाश से धरती पर अपने भक्तों के बीच आती हैं. मातारानी के आगमन के साथ ही शारदीय नवरात्रि उत्सव की शुरुआत हो जाती है और भक्त पूरे नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं. कहा जाता है कि नवरात्रि में भक्तिभाव से मां दुर्गा की उपासना करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शारदीय नवरात्रि का व्रत रखने वाले अष्टमी या नवमी पर कन्या पूजन के बाद अपना व्रत पूर्ण करते हैं.