Shakambhari Jayanti 2024 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल पौष पूर्णिमा के दिन शाकंभरी जयंती (Shakambhari Jayanti) मनाई जाती है, जिसे शाकंभरी पूर्णिमा (Shakambhari Purnima) के तौर पर भी जाना जाता है. इस साल शाकंभरी जयंती आज (25 जनवरी 2024) मनाई जा रही है. माता शाकंभरी (Mata Shakambhari) को वनस्पति की देवी के रूप में जाना जाता है. प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा के अनन्य रूपों में मां शाकंभरी एक सौम्य रूप है, जो पृथ्वीलोक पर पानी और खाद्य की गंभीर समस्याओं को दूर करने के लिए अवतरित हुई थीं. ऐसी मान्यता है कि शाकंभरी जयंती के दिन मां शाकंभरी की पूजा करने वालों को कभी अन्न, जल या धन की कमी नहीं रहती है. मां दुर्गा (Maa Durga) के इस सौम्य स्वरूप को शताक्षी के नाम से भी जाना जाता है.
शाकंभरी जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद विधि विधान से मां दुर्गा के सौम्य रूप देवी शाकंभरी की पूजा की जाती है. उन्हें श्रृंगार की सामग्री अर्पित की जाती है. इसके साथ ही उन्हें ताजे फलों और सब्जियों का भोग लगाया जाता है. शाकंभरी जयंती के इस पावन अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस के जरिए अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- मां दुर्गा की असीम कृपा से आप सबका,
जीवन सदा हंसता मुस्कुराता रहे...
शाकंभरी जयंती की शुभकामनाएं
2- शाकंभरी जयंती के इस पावन अवसर पर,
आपको माता रानी का आशीर्वाद मिले.
शाकंभरी जयंती की शुभकामनाएं
3- मां शाकंभरी आपको बल, बुद्धि, सुख,
ऐश्वर्य और संपन्नता प्रदान करें...
शाकंभरी जयंती की शुभकामनाएं
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4- मेरी मईया की शान निराली है,
अपने भक्तों की करे रखवाली है,
मां ने मुझ पर नजर जो डाली,
मेरे घर में है हर दिन दिवाली.
शाकंभरी जयंती की शुभकामनाएं
5- तू है मां बड़ी भोली भाली,
भरती सब की झोली खाली,
दया तेरी जो मां हो जाए,
मेरी ही किस्मत जग जाए.
शाकंभरी जयंती की शुभकामनाएं
प्रचलित किंवदंतियों के अनुसार, एक बार जब सृष्टि में भीषण अकाल पड़ा था, तब अपने भक्तों को इस समस्या से राहत दिलाने के लिए देवी दुर्गा शाकंभरी के रूप में अवतरित हुई थीं. हजार नेत्रों वाली मां शाकंभरी की आंखों से नौ दिनों तक अश्रु के रूप में पानी की धाराएं बहने लगी थीं, जिससे सृष्टि में एक बार फिर से हरियाली आ गई थी, इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन माता शाकंभरी की पूजा-अर्चना की जाती है. उन्हें प्रसन्न करने के लिए जरूरतमंदों में अनाज, सब्जी और फलों का दान किया जाता है.