Shaheed Diwas 2023 Messages: शहीद दिवस पर ये मैसेजेस WhatsApp Stickers और HD Wallpapers के जरिए भेजकर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को करें नमन
पंजाब सरकार ने 23 मार्च को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, जो तीन स्वतंत्रता सेनानियों, भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु का शहीदी दिवस है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मौके पर कहा कि पंजाब के लोग शहीद भगत सिंह के खटकड़ कलां गांव जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दे सकते हैं...
Shaheed Diwas 2023: पंजाब सरकार ने 23 मार्च को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, जो तीन स्वतंत्रता सेनानियों, भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु का शहीदी दिवस है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मौके पर कहा कि पंजाब के लोग शहीद भगत सिंह के खटकड़ कलां गांव जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दे सकते हैं. शहीद दिवस भारत में कई तिथियों पर मनाया जाता है. 23 मार्च को उस दिन के रूप में याद किया जाता है, जब तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों, भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दे दी थी. साथ ही, 30 जनवरी को महात्मा गांधी की स्मृति में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: Shaheed Diwas : 23 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस? क्या वाकई ब्रिटिश अधिकारी क्रांतिकारियों से खौफ खाते थे? आखिर क्या था माजरा?
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के लायलपुर में हुआ था. भगत सिंह ने अपने साथी राजगुरु, सुखदेव, आजाद और गोपाल के साथ मिलकर लाला लाजपत राय की हत्या के लिए लड़ाई लड़ी थी. अपने साहसिक कारनामों से भगत सिंह युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए. उन्होंने और उनके साथियों ने 8 अप्रैल, 1929 को "इंकलाब जिंदाबाद" का नारा पढ़कर सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली पर बम फेंका और इसके लिए उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था/ 23 मार्च, 1931 को लाहौर जेल में उन्हें फाँसी दे दी गई।.उनके शवों का सतलुज नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया गया.
हर साल शहीद दिवस पर सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं और उनके लिए अपना सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं. शहीद दिवस पर Quotes, WhatsApp, Facebook Stickers के जरिए भेजकर शहीदों को श्रद्धांजलि दे सकते हैं.
1- वतन वालो वतन ना बेच देना,
ये धरती ये चमन ना बेच देना,
शहीदों ने जान दी है वतन के वास्ते,
शहीदों के कफन ना बेच देना..
शहीदों को नमन
2- प्रेम गीत कैसे लिखूं,
जब चारों तरफ गम के बादल छाए हैं,
नमन है उन वीर शहीदों को,
जो तिरंगा ओढ के आए है...
शहीदों को नमन
3- चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें,
शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर लें,
जिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे,
देशभक्तों के खून की वो धारा याद कर लें...
शहीदों को नमन
4- लिख रहा हूं मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर कतरा इंकलाब लाएगा,
मैं रहूँ या ना रहूँ पर एक वादा है तुझसे मेरा,
की मेरे बाद वतन पे मरने वालो का सैलाब आएगा.
शहीदों को नमन
5-लड़े वो वीर जवानों की तरह,
ठंडा खून भी फौलाद हुआ,
मरते-मरते भी कई मार गिराए,
तभी तो देश आजाद हुआ...
शहीदों को नमन
30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, वहीं 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी, इसलिए इन अमर शहीदों की याद में 23 मार्च और 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है. 30 जनवरी 1948 की शाम में बिड़ला हाउस में महात्मा गांधी को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी.