Sawan Putrada Ekadashi 2021 Wishes: सावन पुत्रदा एकादशी पर इन हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, Quotes, GIF Images के जरिए दें शुभकामनाएं
सावन मास के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान कर बधाई देते हैं. आप भी सावन पुत्रदा एकादशी के इस खास अवसर पर इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ इमेजेस को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करके उन्हें शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Sawan Putrada Ekadashi 2021 Wishes: भगवान शिव (Lord Shiva) का पावन महीना चल रहा है और इस महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को सावन पुत्रदा एकादशी (Sawan Putrada Ekadashi) मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की विधि-विधान से पूजा करने पर निसंतान दंपत्तियों को संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है. इस साल सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत 18 अगस्त को रखा जा रहा है. इस एकादशी से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, भद्रावतीपुरी नामक नगर में सुकेतुमान नाम के राजा और उनकी रानी संतान न होने के कारण बहुत दुखी थे. राजा-रानी को इस बात की चिंता थी कि उनकी मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार कौन करेगा और उनके पितरों का श्राद्ध कौन करेगा? तब उन्हें ऋषि-मुनियों ने सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत करने का सुझाव दिया, जिसके बाद राजा-रानी ने पुत्रदा एकादशी का व्रत किया, जिसके प्रभाव से उन्हें संतान प्राप्त का वरदान मिला.
सावन मास के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान कर बधाई देते हैं. आप भी सावन पुत्रदा एकादशी के इस खास अवसर पर इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ इमेजेस को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करके उन्हें शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- हैप्पी सावन पुत्रदा एकादशी
2- सावन पुत्रदा एकादशी 2021
3- सावन पुत्रदा एकादशी की शुभकामनाएं
4- शुभ सावन पुत्रदा एकादशी
5- सावन पुत्रदा एकादशी की हार्दिक बधाई
एकादशी से जुड़ी प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, एकादशी तिथि को चावल नहीं खाना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से समस्त मनोकामनाओं को पूर्ति होती है. इस दिन रात्रि जागरण करने का विधान है, फिर द्वादशी तिथि को सुबह ब्राह्मणों को भोजन कराने और दक्षिणा देने के बाद व्रत का पारण करना चाहिए.