Sawan Pradosh 2022 HD Images: हैप्पी सावन प्रदोष! शेयर करें भोलेनाथ के ये मनमोहक WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photos और वॉलपेपर्स
प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया जाता है. प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से करीब 45 मिनट पहले शुरु हो जाता है और इस दौरान भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है. इस शुभ अवसर पर आप भोलेनाथ के इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को हैप्पी सावन प्रदोष कह सकते हैं.
Sawan Pradosh 2022 HD Images: भगवान शिव (Lord Shiva) की उपासना का पावन महीना सावन (Sawan Maas) चल रहा है. भोलेनाथ के इस प्रिय मास में तमाम शिव भक्त उनकी कृपा पाने के लिए विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं. सावन मास होने के चलते इस माह पड़ने वाले सोमवार (Sawan Somvar), त्रयोदशी (Trayodashi) और शिवरात्रि (Shivratri) का महत्व अधिक बढ़ जाता है. वैसे तो हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष को दो त्रयोदशी तिथि पड़ती हैं. त्रयोदशी तिथि के दिन भक्त प्रदोष का व्रत (Sawan Pradosh) करते हैं और भगवान शिव का पूजन करते हैं. सावन महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का खास महत्व बताया जाता है, जो समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है. सावन मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 25 जुलाई को रखा जाना है. 25 जुलाई सोमवार को है, इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत का जाएगा.
प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया जाता है. प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से करीब 45 मिनट पहले शुरु हो जाता है और इस दौरान भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है. इस शुभ अवसर पर आप भोलेनाथ के इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को हैप्पी सावन प्रदोष कहकर बधाई दे सकते हैं.
1- सावन प्रदोष की शुभकामनाएं
2- हैप्पी सावन प्रदोष
3- सावन त्रयोदशी 2022
4- शुभ सावन त्रयोदशी
5- सावन प्रदोष की हार्दिक बधाई
प्रदोष व्रत से जुड़ी प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष का अपना एक अलग महत्व होता है. दिन के हिसाब से प्रदोष व्रत के नाम अलग-अलग होते हैं. इस व्रत को करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है, इसके साथ ही संतान पक्ष को भी इससे लाभ होता है. इतना ही नहीं इस व्रत के प्रभाव से भक्तों को भगवान शिव व माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.