Savitribai Phule Jayanti 2024 Quotes in Marathi: सावित्रीबाई फुले जयंती पर अपनों संग शेयर करें देश की पहली महिला शिक्षिका के ये अनमोल विचार
सावित्रीबाई फुले जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

Savitribai Phule Jayanti 2024 Quotes in Marathi: देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र (Maharashtra) के सातारा (Satara) जिले में स्थित नयागांव के एक दलित परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम खन्दोजी नैवेसे और माता का नाम लक्ष्मी था. सावित्रीबाई फुले एक शिक्षिका होने के साथ ही देश के नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेता, समाज सुधारक और मराठी कवयित्री थीं. उन्हें बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए समाज का कड़ा विरोध झेलना पड़ा था और इसके लिए कई बार उन्हें समाज के ठेकेदारों से पत्थर भी खाने पड़े. जब सावित्रिबाई स्कूल पढ़ने जाती थीं तो लोग उन पर पत्थर फेंकते थे. इन सबके बावजूद वो अपने लक्ष्य से कभी नहीं भटकीं और लड़कियों व महिलाओं को शिक्षा का हक दिलाया. उन्होंने अपने पति व समाजसेवी महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर 1848 में बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की थी.

सावित्रीबाई फुले ने सन 1848 में पुणे में अपने पति के साथ मिलकर महिलाओं के लिए पहले स्‍कूल की स्थापना की थी. इसके बाद महज एक साल में सावित्रीबाई फुले और महात्मा फुले ने पांच नए विद्यालय खोले. सावित्रीबाई फुले उस दौर में न सिर्फ खुद पढ़ीं, बल्कि दूसरी लड़कियों को पढ़ने में मदद भी की. सावित्रीबाई फुले जयंती के इस खास अवसर पर आप देश की पहली शिक्षिका के इन अनमोल विचारों को मराठी में अपनों संग शेयर कर उन्हें याद कर सकते हैं.

1- तुम्ही बकरी, गाईला पाळता, नागपंचमीला नागाला दूध देता आणि तुम्हीच दलितांना साधं माणूसही समजत नाही…

- सावित्रीबाई फुले

सावित्रीबाई फुले जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

2- माझ्या कविता वाचल्यावर जर तुम्हाला थोडं जरी ज्ञान मिळालं तर माझे परिश्रण सार्थकी लागले

– सावित्रीबाई फुले

सावित्रीबाई फुले जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

3- जर दगडाची पूजा केल्याने मुलं झाली असती तर निसर्गाने नर आणि नारी कशाला निर्माण केले असते

– सावित्रीबाई फुले

सावित्रीबाई फुले जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

4- शिक्षण हे सर्वात शक्तिशाली शस्त्र आहे जे तुम्ही जग बदलण्यासाठी वापरू शकता

– सावित्रीबाई फुले

सावित्रीबाई फुले जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

5- विचार कसा करायचा हे शिकायचे असेल तर पुस्तके वाचा. अभिनय कसा करायचा हे शिकायचे असेल तर अभिनय पहा

– सावित्रीबाई फुले

सावित्रीबाई फुले जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

आपको बता दें कि आजादी से पहले समाज में छुआछूत, सती प्रथा, बाल-विवाह जैसी कुरीतियां व्याप्त थीं. ऐसे में दलित महिलाओं के उत्थान के लिए काम करने, छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाने के कारण उन्हें समाज के एक बड़े वर्ग द्वारा विरोध भी झेलना पड़ा. वो जब भी स्कूल जाती थीं तो उन पर लोग पत्थर और गंदगी फेंकते थे. ऐसी स्थिति में वो एक साड़ी अपने थैले में लेकर चलती थीं और स्कूल पहुंचकर गंदी साड़ी बदल लेती थीं. पढ़ने-लिखने में सावित्रीबाई फुले के पति महात्मा फुले ने काफी मदद की, जिसके बाद वो देश की पहली महिला शिक्षिका बनीं.