Ramakrishna Jayanti 2020 Quotes: रामकृष्ण परमहंस जयंती पर उनके इन अनमोल उपदेशों से लें ईश्वर की भक्ति और मानवता की सीख
रामकृष्ण परमहंस एक उच्च कोटी के विचारक, महान योगी और गृहस्थ संन्यासी थे. यही वजह है कि उन्होंने अपने जीवन काल में कई ऐसे उपदेश दिए जो मानवता और भक्ति की शक्ति की सीख देते हैं. रामकृष्ण परमहंस जयंती के शुभ अवसर पर आप भी उनके इन महान विचारों से प्रेरणा ले सकते हैं.
Ramakrishna Paramahansa Jayanti 2020 Quotes: हिंदू पंचांग के अनुसार, स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के गुरु रामकृष्ण परमहंस जी की जयंती (Ramakrishna Paramahansa Jayanti) फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि मनाई जाती है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, उनका जन्म 18 फरवरी 1836 को बंगाल के हुगली जिले के कामारपुकुर में हुआ था. उनके पिता का नाम खुदीराम और माताजी का नाम चंद्रा देवी था. मान्यता है कि रामकृष्ण के जन्म से पहले ही उनके माता-पिता को अलौकिक घटनाओं और दृश्यों का अनुभव हुआ था. रामकृष्ण परमहंस (Ramakrishna Paramahansa) एक गृहस्थ संन्यासी थे और उनके जीवन का ज्यादातर समय मां काली की भक्ति में गुजरता था. ये उनकी भक्ति की ही शक्ति थी कि उन्हें दर्शन देने के लिए मां काली साक्षात प्रकट हुई थीं.
रामकृष्ण परमहंस एक उच्च कोटी के विचारक, महान योगी और गृहस्थ संन्यासी थे. यही वजह है कि उन्होंने अपने जीवन काल में कई ऐसे उपदेश दिए जो मानवता और भक्ति की शक्ति की सीख देते हैं. रामकृष्ण परमहंस जयंती के शुभ अवसर पर आप भी उनके इन महान विचारों (Ramakrishna Paramahansa Quotes) से प्रेरणा ले सकते हैं और उनके इन विचारों को सोशल मीडिया के जरिए अपने प्रियजनों को भेजकर उन तक ईश्वर की भक्ति और मानवता की अनोखी सीख को पहुंचा सकते हैं.
1- अगर आप पागल ही बनना चाहते हैं तो सांसारिक वस्तुओं के लिए नहीं, बल्कि भगवान के प्यार में पागल बनें
2- बिना सत्य बोले तो भगवान को प्राप्त ही नहीं किया जा सकता, क्योंकि सत्य ही भगवान हैं.
3- जिस व्यक्ति में लज्जा, घृणा और भय व्याप्त है वो कभी भगवान को प्राप्त नहीं कर सकता या भगवान की दृष्टि उस पर नहीं पड़ सकती.
4- जब फूल खिलता है तो मधुमक्खी बिना बुलाए आ जाती है, वैसे ही हम जब प्रसिद्द होंगे तो लोग बिना बताए ही हमारा गुणगान करने लगेगे. यह भी पढ़ें: RamaKrishna Paramahamsa Jayanti 2019: एक गृहस्थ संन्यासी थे रामकृष्ण परमहंस, भक्ति की शक्ति और मानवता की सीख देते हैं उनके ये अनमोल उपदेश
5- धर्म की बात तो हर कोई करता है, लेकिन उसे अपने आचरण में लाना सबके बस की बात नहीं है.
रामकृष्ण परमहंस का मानना था कि इंसान तीन प्रकार के होते हैं. पहले वो लोग हैं जो परेशानियों और दुखों को अपना भाग्य मानकर इन्हीं हालातों में मरने की प्रतीक्षा करते हैं. दूसरे वो लोग हैं जो दुखों को दूर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्हें उससे छुटकारा पाने का कोई रास्ता नजर नहीं आता है. तीसरे वो लोग होते हैं जो कोशिश भी करते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुंचने में भी कामयाब होते हैं. उसी तरह अगर हम भी किसी लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं तो उसके लिए लगातार तब तक कोशिश करनी चाहिए, जब तक सफलता न मिल जाए.