Ramadan 2023: कब शुरू हो रहा है रमजान का महीना? पहली बार रोजा रखने वालों के लिए आवश्यक जानकारियां!
प्रत्येक वर्ष दुनिया भर के मुसलमान रमजान के पवित्र मास का शिद्दत से इंतजार करते हैं. रमजान के पूरे 30 दिन मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोजे रखते हैं, अंतिम रोजे के अगले दिन ईद-उल-फितर पर्व मनाने का नियम है.
Ramadan 2023: इस्लामिक कैलेंडर का पहला उत्सव रमजान (Ramadan) होता है, आठवें महीने शाबान (Shabaan) के समाप्त होने के अगले दिन रमजान (Ramzan) शुरू हो जाते हैं और चार सप्ताह तक रोजे जाते हैं. यहां जानेंगे इस वर्ष 2023 में पड़ने वाले रमजान के पवित्र माह के बारे में विस्तार से...
प्रत्येक वर्ष दुनिया भर के मुसलमान रमजान के पवित्र मास का शिद्दत से इंतजार करते हैं. रमजान के पूरे 30 दिन मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोजे रखते हैं, अंतिम रोजे के अगले दिन ईद-उल-फितर पर्व मनाने का नियम है. जहां तक इस वर्ष 2023 में रमजान शुरू होने की बात है, तो इसका निर्धारण इस्लामी कैलेंडर में चंद्रमा के चरणों पर निर्धारित होता है. अमूमन रमजान का पवित्र माह ग्रेगोरियन कैलेंडर में करीब 10 दिन पहले शुरू होता है. अगर मक्का में चंद्रमा निर्दिष्ट तिथि पर दिखता है तो 22 मार्च, 2023 को बुधवार से रमजान का पवित्र महीना शुरू होगा और 21 अप्रैल 2023, शुक्रवार के दिन अंतिम रोजा रखा जायेगा. इस तरह कह सकते हैं कि ईद-उल-फितर 22 या 23 अप्रैल को मनाया जायेगा. इस वर्ष अगर आप पहली बार रमजान मना रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है.
रमजान मास का इतिहास!
रमजान के पवित्र मास को शब-ए-कद्र कहा जाता है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन अल्लाह ने अपने बंदों को कुरान शरीफ से नवाजा था, इसलिए इस मास को साल का सबसे पाक मास माना जाता है, और प्रतिदिन अल्लाह के लिए रोजे रखे जाते हैं, जिसे बच्चे से वृद्ध मुसलमानों द्वारा पूरी शिद्दत के साथ निभाया जाता है. यह भी पढ़ें: Shab-e-Barat 2023 Mubarak HD Images: शब-ए-बारात के इन खूबसूरत Photos, Wallpapers, WhatsApp Stickers, GIF Greetings के जरिए दें मुबारकबाद
रमजान का महत्व!
रमजान मास के पूरे 30 दिन मुसलमानों को दिन के उजाले के दरम्यान खाने-पीने एवं कुछ विशेष गतिविधियों से परहेज किया जाता है. सूर्यास्त के तुरंत बाद इफ्तार नामक भोजन प्रक्रिया में उपवास तोड़ा जाता है. इस दरम्यान खजूर, फल, पानी तथा हल्का भोजन किया जाता है. इफ्तार के पश्चात मगरिब की नमाज अदा करने की परंपरा है, जो इस्लाम के पांच दैनिक एवं आवश्यक अनुष्ठानों में से चौथे नंबर पर आता है. रमजान आध्यात्मिक ध्यान, प्रार्थना एवं परोपकारिता का भी समय होता है. रमजान माह के दौरान रोजे रखने वाले मुसलमानों को कुरान पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
रमजान के दौरान मुसलमानों को गरीबों एवं जरूरतमंदों को दान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इन दिनों मस्जिदों में प्रार्थना एवं उपदेश आदि होते हैं. कुछ मस्जिदों और धर्मार्थ समूहों द्वारा जरूरतमंदों की सहायता के लिए भोजन अभियान और अन्य पहलुओं का आयोजन किया जाता है.
रमजान के नियम!
रमज़ान के नियम रोजमर्रा के जीवन की तुलना में बहुत कठिन होते हैं. मान्यता है कि रोजे एवं इबादत करने से इंसान और अल्लाह के बीच की दूरी कम होती हैं. व्यक्ति की धर्म के प्रति आस्था एवं श्रद्धा बढ़ती है, साथ ही अल्लाह पर विश्वास पुख्ता होता है. रोजा रखने वालों को गलत लोगों से दूर रहने की हिदायत दी जाती है. किसी भी तरह के नशे से दूर रहना जरूरी होता है. रमजान के दिनों में झूठ बोलने, विवाद, लड़ाई-झगड़े आदि से दूर रहने का नियम है. रमजान के दरम्यान शारीरिक संबंध बनाने की मनाही होती है.