भारत में कहीं भी रबी उल अव्वल के चांद दिखने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. आज शाम केवल एक छोटे से वर्ग ने चांद को देखने का प्रयास किया. भारत में मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग कल चांद की तलाश करेगा. हम कल भी भारत में रबी अल-अव्वल के चांद दिखने की पल पल की जानकारी देते रहेंगे.
Rabi Ul Awwal Moon Sighting 2022 in India Live News Updates: भारत में कल नजर आ सकता है रबी अल-अव्वल का चांद
रबी उल अव्वल इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना होता है. इस्लामी महीना 29 या 30 दिन का होता है. इस वर्ष रबी उल अव्वल का महीना 27 सितंबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर 2022 को समाप्त होगा.
Rabi Ul Awwal Moon Sighting 2022 In India: रबी उल अव्वल इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना होता है. इस्लामी महीना 29 या 30 दिन का होता है. इस वर्ष रबी उल अव्वल का महीना 27 सितंबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर 2022 को समाप्त होगा, यानी यह महीना 29 दिन का होगा. रबी-उल-अव्वल का चांद आज नजर आ सकता है. यद्यपि अंतिम निर्णय ‘रुएत ए हिलाल’ अथवा चांद दिखने पर निर्भर करेगा.
इस्लाम धर्म में इस महीने का खास महत्व बताया जाता है. रबी उल अव्वल वस्तुतः अरबी शब्द है. यहां रबी का आशय वसंत और उल-अव्वल का मतलब प्रथम है. सर्दी (तकलीफ) के बाद वसंत (खुशी) का माह होता है. इस माह को पॉजिटिविटी से भरपूर माह माना जाता है. चूंकि इस्लामिक कैलेंडर चंद्र गणना पर आधारित होता है, इसलिए रबी उल अव्वल महीना किसी भी मौसम में पड़ सकता है. इसका हिंदी वसंत माह से कोई सरोकार नहीं है.
बताया जाता है कि अरब देशों में पहली रबी उल अव्वल 2022 वास्तव में 26 सितंबर को है, वहीं दक्षिण एशियाई देशों में रबी उल अव्वल माह इस्लामिक कैलेंडर की पहली तारीख 27 सितंबर को पड़ेगी. यह तारीख चांद दिखने के अनुसार ही अपडेट हो जाता है.
रबी उल अव्वल का इतिहास एवं महत्व
रबी उल अव्वल महीना इस्लामी दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि इसी माह पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब का जन्मदिन भी मनाया जाता है. मान्यता है कि उनका जन्म रबी उल अव्वल माह में 12वीं तारीख को हुआ था, जिसे ईद मिलाद-उन-नबी के रूप में दुनिया भर में मनाया जाता है. रबी उल अव्वल माह में विशेष नमाज अथवा रोजा रखने आदि का कोई निर्देश नहीं है. अलबत्ता सूरह अंबिया की 21वीं आयत पैगंबर मुहम्मद के जन्म का उल्लेख इस रूप में किया गया है कि, मुहम्मद पैगंबर का जन्म पूरी मानव जाति के लिए एक आशीर्वाद के रूप में हुआ है. इस्लाम धर्म को मानने वाले लगभग सभी मुसलमान उनके जन्म दिन पर तमाम तरह के जलसे एवं जुलूस निकालते हैं. गौरतलब है कि इस खुशी में गरीबों को भी शामिल करने के लिए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से कंपैशन सप्ताह मनाया जाता है, जिसमें गरीब मुसलमानों की हर संभव मदद की जाती है.
रवि उल अव्वल का इतिहास
रवी उल अव्वल का महीना पवित्र पैगंबर के जन्म और मृत्यु का प्रतीक माना जाता है, इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग इसे दरूद ओ सलाम, विशेष प्रार्थना और रबी उल अव्वल के 12 वें उपवास के साथ मनाते हैं. कहते हैं कि जब पवित्र पैगंबर मक्का से मदीना चले गये थे तो रबी उल अव्वल माह में क्यूबा पहुंचे थे. पवित्र पैगंबर ने रबी उल अव्वल मास में क्यूबा में पहली इस्लामी मस्जिद का निर्माण करवाया था. इसके बाद पवित्र पैगंबर हजरत मुहम्मद ने क्यूबा छोड़कर याथ्रिब पहुंचे तो वहां दूसरी मस्जिद का निर्माण करवाया था. इस मस्जिद को मदीना में मस्जिद नबवी के नाम से जाना जाता है. ये दोनों मस्जिदें इस्लाम की सुंदरता और मक्का से मदीना में मुसलमानों के पहले प्रवास की यादें ताजा कराते हैं.