Pohela Boishakh 2023 Greetings: शुभो नोबो बोरसो! शेयर करें बंगाली न्यू ईयर के ये WhatsApp Stickers, GIF Images, HD Wallpapers और Photo SMS
पोइला बैसाख के दिन बंगाल में बंगाली समुदाय के लोगों द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. लोग शुभो नोबो बोरसो कहकर बंगाली में एक-दूसरे को बंगाली नव वर्ष की बधाई देते हैं. ऐसे में इस खास अवसर पर आप भी बंगाली न्यू ईयर के इन ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ इमेजेस, एचडी वॉलपेपर्स और फोटो एसएमएस को शेयर कर शुभो नोबो बोरसो कह सकते हैं.
Pohela Boishakh 2022 Greetings in Hindi: बैसाख (Baisakh) का महीना बंगाली कैलेंडर का पहला महीना होता है और बैसाख के पहले दिन बंगाली समुदाय के लोग नए साल (New Year) का जश्न मनाते हैं. बंगाली नव वर्ष (Bengali New Year) को बंगाली समुदाय के लोग बहुत धूमधाम से मनाते हैं, जिसे पोइला बैसाख (Poila Baishakh), पोहेला बोइशाख (Pohela Boishakh) और शुभो नोबो बोरसो (Subho Nobo Borso) जैसे नामों से भी जाना जाता है. इस साल 15 अप्रैल 2023 को बंगाली समुदाय के लोग पोइला बैसाख का पर्व मना रहे हैं. आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) के अलावा बांग्लादेश (Bangladesh) की राजधानी ढाका में भी बंगाली न्यू ईयर का त्योहार हर्षोल्सास के साथ मनाया जाता है. बंगाली नव वर्ष के दिन बंगाल में सांस्कृतिक एकता और परंपरा की अनूठी झलक देखने को मिलती है. इस दिन लोग अपने घरों में मांस, मछली और स्वादिष्ट मिठाईयां बनाते हैं. इसके साथ ही नए साल के दिन बैसाखी मेले का भव्य आयोजन किया जाता है.
पोइला बैसाख के दिन बंगाल में बंगाली समुदाय के लोगों द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. लोग शुभो नोबो बोरसो कहकर बंगाली में एक-दूसरे को बंगाली नव वर्ष की बधाई देते हैं. ऐसे में इस खास अवसर पर आप भी बंगाली न्यू ईयर के इन ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ इमेजेस, एचडी वॉलपेपर्स और फोटो एसएमएस को शेयर कर शुभो नोबो बोरसो कह सकते हैं.
1- पोइला बैसाख की बधाई
2- बंगाली नव वर्ष की शुभकामनाएं
3- शुभो नोबो बोरसो
4- हैप्पी बंगाली न्यू ईयर
5- हैप्पी पोइला बैसाख
गौरतलब है कि बंगाली नव वर्ष का बंगाली समुदाय के लोगों को बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है. इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर नए कपड़े पहनते हैं और सूर्यदेव के दर्शन करते हैं. इसके बाद अपनी परंपरा और रीति-रिवाजों के अनुसार, ईष्टदेव की पूजा की जाती है. पूजा के दौरान भगवान से घर-परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना का जाती है. इस दिन लोग अपने घर के बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लेते हैं.