Pausha Putrada Ekadashi 2021 Wishes: हैप्पी पौष पुत्रदा एकादशी! प्रियजनों को भेजें ये मनमोहक WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIFs और HD Images
पौष पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

Pausha Putrada Ekadashi 2021 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी (Pausha Putrada Ekadashi) के नाम से जाना जाता है, जिसे पवित्रा एकादशी (Pavitra Ekadashi) भी कहा जाता है. आज (24 जनवरी 2021) पौष पुत्रदा एकादशी मनाई जा रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखकर सच्ची निष्ठा और श्रद्धाभाव से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से भक्तों को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है. खासकर, पुत्र की कामना करने वालों के लिए यह एकादशी बेहद शुभ फलदायी मानी जाती है, इसलिए इसे पुत्रदा एकादशी कहा जाता है. इसके अलावा जिन लोगों को संतान नहीं है उन्हें इस व्रत को करने की सलाह दी जाती है और जिन लोगों की संतान है उनकी संतानों को इस व्रत के प्रभाव दीर्घायु प्राप्त होती है.

एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है और जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं वो भक्तिभाव से श्रीहरि की पूजा करते हैं. इस अति पावन अवसर पर आप श्रीहरि के भक्तों को शुभकामनाएं न दें, ऐसा कैसे हो सकता है. पौष पुत्रदा एकादशी के शुभ अवसर पर आप भगवान विष्णु की मनमोहक छवियों के साथ अपने प्रियजनों ये शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ और एचडी इमेजेस भेज सकते हैं.

1- पौष पुत्रदा एकादशी 2021

पौष पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

2- पौष पुत्रदा एकादशी 2021

पौष पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

3- पौष पुत्रदा एकादशी 2021

पौष पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

4- पौष पुत्रदा एकादशी 2021

पौष पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

5- पौष पुत्रदा एकादशी 2021

पौष पुत्रदा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

पौष पुत्रदा एकादशी के दिन प्रात: काल उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए, फिर एक चौकी पर भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करें. पूरे विधि-विधान के साथ लक्ष्मी-विष्णु का पूजन करें. रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन करें. अगर अंजाने में कोई गलती हो जाती है तो उसके लिए क्षमा प्रार्थना करें. अगले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें, फिर भगवान विष्णु का पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिण दें. इसके बाद इस व्रत का पारण करें. ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.