Paryushan Parva 2020 Wishes & Micchami Dukkadam Images: जैन धर्म का एक महान पर्व है पर्यूषण, मिच्छामी दुक्कड़म वाले इन WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings के जरिए दें अपनों को शुभकामनाएं
जैन धर्म के महान पर्व पर्यूषण के दौरान लोग अपने करीबी लोगों से क्षमा मांगते हुए अनुष्ठान के रूप में निकट आने के लिए मिच्छामी दुक्कड़म की शुभकामनाएं भेजते हैं. आप भी जैन धर्म के इस पर्व की प्रिजयनों को बधाई देने के लिए मिच्छामी दुक्कड़म वाले इन शानदार वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, इमेजेश और विशेज को सोशल मीडिया के जरिए शेयर कर सकते हैं.
Paryushan Parva 2020 Wishes & Micchami Dukkadam Images: पर्यूषण पर्व (Paryushan Parva) जैन समुदाय (Jain Community) का एक महान और पवित्र पर्व है. इस पर्व को आमतौर पर हर साल अगस्त या सितंबर महीने में मनाया जाता है. इस साल 15 अगस्त से पर्यूषण पर्व की शुरुआत हो गई है जो 22 अगस्त तक जारी रहेगा. पर्यूषण (Paryushan) का अर्थ है- चारों तरफ से सिमट कर एक स्थान पर निवास करना या स्वंय में वास करना. भाद्रपद महीने में पड़ने वाले इस पर्व को श्वेतांबर जैन (Shwetambar Jain) 8 दिन तक अठाइयों के नाम से मनाते हैं, जबकि दिगंबर जैन (Digambar Jain) 10 दिन तक दस लाक्षण के नाम से इस पर्व को मनाते हैं. इस पर्व के दौरान आत्मशुद्धि के लिए हर व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार व्रत, जप, तप, संयम और साधना करता है. इस पर्व के दौरान जैन धर्म के अनुयायी फल, सब्जी का त्याग करके उच्च प्रोटीन युक्त आहार लेते हैं. जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार यह अपने अनुयायियों को सादगीपूर्ण और अहिंसा वादी जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है.
जैन धर्म के महान पर्व पर्यूषण के दौरान लोग अपने करीबी लोगों से क्षमा मांगते हुए अनुष्ठान के रूप में निकट आने के लिए मिच्छामी दुक्कड़म की शुभकामनाएं भेजते हैं. आप भी जैन धर्म के इस पर्व की प्रिजयनों को बधाई देने के लिए मिच्छामी दुक्कड़म (Micchami Dukkadam) वाले इन शानदार वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, इमेजेश और विशेज को सोशल मीडिया के जरिए शेयर कर सकते हैं.
1- पर्यूषण पर्व 2020
2- पर्यूषण पर्व 2020
3- पर्यूषण पर्व 2020
4- पर्यूषण पर्व 2020
5- पर्यूषण पर्व 2020
6- पर्यूषण पर्व 2020
गौरतलब है कि इस पर्व की सुंदरता आखिर में होने वाले क्षमा दिवस में छिपी हुई है. इस पर्व के अंत में हर व्यक्ति अपने समाज, परिवार, दोस्तों और सहयोगियों से अपनी गलतियों के लिए माफी मांगता है. इस दिन अपने अहंकार को त्याग कर इस समुदाय के लोग हाथ जोड़कर एक-दूसरे से क्षमा मांगते हैं. माना जाता है कि जब हम झुकते हैं तो हमारा कद और भी ऊंचा हो जाता है, इसलिए लोग इस दिन एक-दूसरे से क्षमा याचना करते हैं.