National Unity Day 2020 Wishes & HD Images: राष्ट्रीय एकता दिवस पर भेजें ये हिंदी WhatsApp Stickers, Messages, GIF Greetings, Wallpapers और दें सभी को शुभकामनाएं
राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए रन फॉर यूनिटी का आयोजन देशभर में किया जाता है. इस अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स को भेजकर अपने प्रियजनों को सरदार पटेल जयंती के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
National Unity Day 2020 Wishes in Hindi: भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) मनाने की शुरुआत साल 2014 को हुई थी, जिसके बाद से हर साल 31 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जा रहा है. दरअसल, राष्ट्रीय एकता दिवस यानी नेशनल यूनिटी डे भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti) पर मनाया जाता है. स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री एवं उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Pate) ने देश को एकता के सूत्र में बांधने के लिए सराहनीय प्रयास किए थे, इसलिए 31 अक्टूबर को उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया. इस दिवस को मनाने की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 31 अक्टूबर 2014 को की गई थी. इस दिन देश की राजधानी में 'रन फॉर यूनिटी' नाम से एक राष्ट्रव्यापी मैराथन का आयोजन किया जाता है.
राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए रन फॉर यूनिटी का आयोजन देशभर में किया जाता है. इस अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स को भेजकर अपने प्रियजनों को सरदार पटेल जयंती के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- राष्ट्रीय एकता दिवस 2020
2- राष्ट्रीय एकता दिवस 2020
3- राष्ट्रीय एकता दिवस 2020
4- राष्ट्रीय एकता दिवस 2020
5- राष्ट्रीय एकता दिवस 2020
गौरतलब है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात का नाडियाद में हुआ था. सरदार पटेल का नाम स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों में शुमार है. बताया जाता है कि वकलात छोड़कर सरदार पटेल महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए थे. उन्होंने भारत के 500 से भी अधिक रियासतों का एकीकरण और देश को एकता के सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभाई थी, इसलिए उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है.