National Mathematics Day 2020: श्रीनिवास रामानुज की याद में मनाया जाता है राष्ट्रीय गणित दिवस, जानें उनके जीवन से जुड़ीं कुछ रोचक बातें
महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन, (फोटो क्रेडिट्स : विकिमीडिया कॉमन्स)

राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day 2020) भारत में प्रत्येक वर्ष 22 दिसंबर को प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ - श्रीनिवास रामानुजन (Srinivasa Ramanujan) की जयंती के दिन मनाया जाता है. साल 1887 में इरोड में जन्मे एस रामानुजन विश्व प्रसिद्ध गणितज्ञ थे. श्रीनिवास रामानुजन ने गणित में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. बहुत ही कम उम्र में श्रीनिवास रामानुजन ने अपनी विशिष्ट प्रतिभा के संकेत दिखाए और अंश (fractions), अनंत श्रृंखला (infinite series) संख्या सिद्धांत (number theory), गणितीय विश्लेषण (mathematical analysis) आदि उनकी खोज है.

श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर, 1887 को इरोड, भारत में हुआ था और 26 अप्रैल, 1920 को कुंभकोणम में उनका निधन हुआ था. उनका परिवार ब्राह्मण जाति का था और गरीबी में रहता था. 12 साल की उम्र में उन्होंने ट्रिगनोमेट्री में ज्ञान प्राप्त किया था और किसी की मदद के बिना उन्होंने अपने स्वयं के प्रमेयों (theorems) और विचारों को विकसित किया था. क्या आप जानते हैं कि केवल 15 वर्ष की आयु में उन्होंने शुद्ध और अनुप्रयुक्त गणित में जॉर्ज शोब्रिज कैर के सिनोप्सिस ऑफ एलिमेंटरी रिजल्ट (George Shoobridge Carr's Synopsis of Elementary Results) की एक प्रति प्राप्त की थी?

रामानुज ने बहुत गरीबी में बिताया बचपन:

उन्होंने अपने बचपन के दिनों को गरीबी में बड़ी मुश्किल से गुजारा था. वह स्कूल में दोस्तों से किताबें  उधार लेते थे और पढ़ते थे. जब वह यंग थे तो उन्होंने घर की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक क्लर्क की नौकरी की, और जब इस दौरान उन्हें समय मिलता तो वे गणित के सवालों को हल करते थे. वे विभिन्न प्रकार के प्रमेयों पर काम करते थे. एक बार एक अंग्रेज ने उन पन्नों को देखा, वह प्रभावित हुआ और उनकी व्यक्तिगत रुचि ली. उस अंग्रेज ने श्रीनिवास रामानुजन को हार्डी, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के पास भेजा. फिर उन्होंने अपने अंदर छिपी प्रतिभा को पहचाना और उसके बाद उन्हें दुनिया भर में प्रसिद्धि मिली.

उनके शोधपत्र 1911 में जर्नल ऑफ द इंडियन मैथमैटिकल सोसाइटी में प्रकाशित हुए थे. उन्होंने लगभग 3900 परिणामों को मुख्य रूप से पहचान और समीकरणों के साथ संकलित किया था, और वो भी बिना किसी की सहायता के. उनमें से कई परिणाम मूल और उपन्यास हैं जैसे कि रामानुजन प्राइम (Ramanujan prime), रामानुजन थीटा फ़ंक्शन (Ramanujan theta function), विभाजन सूत्र (partition formulae) और मोक थीटा फ़ंक्शन (mock theta functions) इन परिणामों ने आगे कई अन्य शोधों को प्रेरित किया और काम के नए क्षेत्र खोले. उन्होंने डाइवर्जेंट श्रृंखला के अपने सिद्धांत की खोज की, रीमैन श्रृंखला, अण्डाकार इंटीग्रल, हाइपरजोमेट्रिक श्रृंखला और ज़ीटा फ़ंक्शन के कार्यात्मक समीकरणों पर काम किया. आपको बता दें कि 1729 नंबर को हार्डी-रामानुजन नंबर के रूप में जाना जाता है.

राष्ट्रीय गणित दिवस इतिहास:

22 दिसंबर 2012 को, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने चेन्नई में महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह में श्रीनिवास रामानुजन को श्रद्धांजलि दी और 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में घोषित किया था. इस प्रकार, 22 दिसंबर 2012 को, राष्ट्रीय गणित दिवस पहली बार पूरे देश में मनाया गया.

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय गणित दिवस:

इस दिन को मानाने का उद्देश्य लोगों में मानवता के विकास के लिए गणित के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. इस दिन गणित शिक्षकों और छात्रों को शिविरों के माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है और संबंधित क्षेत्रों में गणित और अनुसंधान के लिए शिक्षण- सामग्री (टीएलएम) के विकास, उत्पादन और प्रसार पर प्रकाश डाला जाता है.

राष्ट्रीय गणित दिवस कैसे मनाया जाता है?

भारत में विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है. यहां तक कि इंटरनेशनल सोसायटी यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) और भारत ने गणित सीखने और समझने के लिए एक साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की थी. इसके साथ ही छात्रों को गणित में शिक्षित करने और दुनिया भर में छात्रों और शिक्षार्थियों के लिए ज्ञान फैलाने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए.

गणित के महत्व और गणित के विद्वान श्रीनिवास रामानुजन के योगदान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है. भारत सरकार ने 2012 में 22 दिसंबर को श्रीनिवास रामानुजन की जयंती पर राष्ट्रीय गणित दिवस मनाने का निर्णय लिया. तब से यह हर साल 22 दिसंबर को मनाया जाता था.