National Education Day 2024: आज मनाया जा रहा है नेशनल एजूकेशन डे, जानें क्यों यह दिन मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद को समर्पित है?

भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day 2024) मनाया जाता है, जो स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ( Maulana Abul Kalam Azad) की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. वे देश के पहले शिक्षा मंत्री थे, जिनका हमेशा मानना ​​था कि शिक्षा बच्चों के लिए ज़रूरी है और यह व्यक्तिगत और राष्ट्रीय विकास की कुंजी है...

मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद (Photo: File Image)

National Education Day 2024: भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day 2024) मनाया जाता है, जो स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ( Maulana Abul Kalam Azad) की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. वे देश के पहले शिक्षा मंत्री थे, जिनका हमेशा मानना ​​था कि शिक्षा बच्चों के लिए ज़रूरी है और यह व्यक्तिगत और राष्ट्रीय विकास की कुंजी है. आज़ाद न केवल एक दूरदर्शी शिक्षा मंत्री थे, बल्कि वे एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे. उनकी जयंती के अवसर पर, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: CM Yogi in Gorakhpur: सीएम योगी ने गोरखपुर में की गौ सेवा, जनता दरबार लगाकर सुनी लोगों की समस्याएं (See Pic)

भारत सरकार ने सितंबर 2008 में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में घोषित किया था, ताकि भारत की शिक्षा प्रणाली में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के योगदान को याद किया जा सके. शिक्षा, जो सामाजिक विकास की नींव के रूप में कार्य करती है, आज़ाद द्वारा प्रचारित की गई और भारत की शिक्षा प्रणाली को प्रभावित किया और यही कारण है कि यह दिन मौलिक अधिकार और राष्ट्र की प्रगति के रूप में शिक्षा के महत्व की याद दिलाता है. यह दिन लोगों को यह भी बताता है कि शिक्षा कैसे उन्हें सशक्त बना सकती है और समाज को बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सकती है. यह इस बात की याद भी दिलाता है कि शिक्षा नागरिकों को एक बेहतर सरकार चुनने के लिए सशक्त बना सकती है जो राष्ट्रीय विकास पर ध्यान केंद्रित करती है.

मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद कौन थे?

आज़ाद एक स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् (भारत के पहले शिक्षा मंत्री), विद्वान और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के वरिष्ठ नेता थे. उनका जन्म 11 नवंबर, 1888 को सऊदी अरब में हुआ था. छोटी उम्र से ही आज़ाद एक होनहार छात्र थे और उन्हें हमेशा पढ़ाई में रुचि थी. उन्होंने अल अजहर विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने भारत में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) जैसी शीर्ष शिक्षा संस्थाओं की स्थापना की और उन्होंने पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, IIT खड़गपुर की नींव भी रखी.

इन सबके अलावा, उनके मार्गदर्शन में कई शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए गए, जिनमें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR), ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और बहुत कुछ शामिल हैं. आज़ाद को भारत की शिक्षा प्रणाली में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और अमूल्य योगदान के लिए 1992 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था.

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