Marathi Bhasha Din 2019: 27 फरवरी को मनाया जाता है 'मराठी भाषा दिवस' जानिए हिंदी के बाद कौन से पायदान पर आती है यह बोली?

साल 2011 में हुए एक सर्वे के अनुसार, भारत में हिंदी भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती है, इसलिए यह पहले पायदान पर आती है. मराठी भाषा तीसरे स्थान पर आती है. बताया जाता है कि देश के करीब 7.1 फीसदी लोग मराठी भाषा में बात करना पसंद करते हैं.

मराठी भाषा दिन 2019 (Photo Credits: Pixabay)

Marathi Bhasha Din 2019: हर साल 27 फरवरी को 'मराठी भाषा दिन' (Marathi Bhasha Din) मनाया जाता है. इस दिन को 'मराठी भाषा दिवस', 'मराठी राजभाषा दिन' के नाम से भी जाना जाता है. ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध मराठी कवि विष्णू वामन शिरवाडकर (Vishnu Vaman Shirwadkar) (कुसुमाग्रज) (Kusumagraj) के जन्मदिन को 'मराठी भाषा गौरव दिवस' के तौर पर मनाया जाता है. आमतौर पर महाराष्ट्र  (Maharashtra) में बोली जाने वाली इस भाषा की बोली ही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है. कहा जाता है कि विविधताओं के देश भारत में हर 12 कोस पर संस्कृति और बोली बदलती है. ऐसे ही मराठी भाषा में भी विविधता देखने को मिलती है.

हमारे देश में विविध जाति-धर्म और भाषाओं के लोग रहते हैं. यहां करीब 800 भाषाएं हैं, जिनमें 200 भाषाओं का इस्तेमाल आमतौर पर बोलचाल के लिए ज्यादा किया जाता है. पूरे देश में हिंदी (Hindi) एकमात्र ऐसी भाषा है जिसे अधिकांश लोग समझते और बोलना जानते हैं, इसलिए इसे राष्ट्रभाषा कहा जाता है. पूरे देश में हिंदी भाषा का सर्वाधिक इस्तेमाल होता है तो ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर महाराष्ट्र की राजभाषा मराठी कौन से पायदान पर आती है?

दरअसल, साल 2011 में हुए एक सर्वे के अनुसार, भारत में हिंदी भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती है, इसलिए यह पहले पायदान पर आती है. देश में लगभग 45 फीसदी लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं. हिंदी के बाद बंगाली भाषा दूसरे स्थान पर आती है. आंकड़ों के मुताबिक, देश में 8.3 फीसदी लोग बंगाली भाषा का इस्तेमाल करते हैं और मराठी भाषा तीसरे स्थान पर आती है.

बताया जाता है कि देश के करीब 7.1 फीसदी लोग मराठी भाषा में बात करना पसंद करते हैं. मराठी के बाद तेलगू और तमिल भाषाओं का नंबर आता है. करीब 6.9 फीसदी लोग तेलगू और 5.9 फीसदी लोग तमिल भाषा में बात करते हैं. यह भी पढ़ें: हिंदी को बड़ा सम्मान, अबू धाबी में बनी अदालत की तीसरी आधिकारिक भाषा

आम धारणाओं और मान्यताओं के अनुसार, मराठी भाषा मुख्य रूप से आर्यों की भाषा है और इस भाषा का इतिहास लगभग 1500 साल पुराना है. गौरतलब है कि हर राज्य की अपनी एक अलग भाषा होती है, इसलिए महाराष्ट्र में रहने वाले अधिकांश लोग आम बोलचाल के लिए मराठी भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं. मराठी भाषा का ज्यादा से ज्यादा विस्तार हो और इसके गौरव व सम्मान सदियों तक बरकरार रखने के लिए ही महाराष्ट्र में हर साल 27 फरवरी को मराठी भाषा दिन मनाया जाता है.

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