मकर संक्रांति : छठ पूजा के पश्चात मकर संक्रांति है सूर्योपासना का सबसे बड़ा पर्व. इस पर्व की विशेषता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. पौराणिक ग्रंथों में उत्तर दिशा को देवताओं की दिशा और दक्षिण को राक्षसों की दिशा बताई जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन ही देवलोक का दरवाजा खुलता है, और देवताओं का दिन प्रारंभ होता है. इसीलिए इस दिन किया गया दान अन्य दिनों किये गये दान की अपेक्षा कई गुना ज्यादा पुण्यकारी होता है. ज्योतिषियों का भी मानना है कि मकर संक्रांति पर किया गया दान-पुण्य जीवन में सुख समृद्धि लाता है, और कई जन्मों तक इसका पुण्य-लाभ मिलता है. ज्योतिषियों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन हर किसी को अपनी सामर्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों अथवा गरीबों को दान देना चाहिए.
आइये जानें मकर संक्रांति के दिन किन किन वस्तुओं का दान करने से किस रूप में पुण्य की प्राप्ति करवाता है.
* खिचड़ी का दान
मकर संक्रांति, उत्तर भारत में इस पर्व को खिचड़ी के नाम से भी संबोधित किया जाता है. इस दिन स्नान-ध्यान के बाद लोग ब्राह्मणों को खिचड़ी की सामग्री (चावल, उड़द दाल, आलू, हल्दी, नमक) दान करते हैं. इसके बाद ही इन सामग्रियों से बनी खिचड़ी खायी जाती है. हिंदू शास्त्रों में काली उड़द का संबंध शनि देव से और चावल को अक्षय अनाज बताया गया है. यानी उड़द का दान जहां जातक को शनि दोषों से मुक्ति दिलाता है, वहीं चावल का दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है. ऐसा करने से घर में बरक्कत आती है. शनि देव की विशेष कृपा बरसती है. यह भी पढ़ें : Makar Sankranti 2021 Messages: मकर संक्रांति के पर्व पर परिजनों को भेजें यह संदेश, Facebook Greetings, WhatsApp Stickers, GIF Images, Wallpapers और SMS के जरिए दें बधाई
* गुड़ का दान
महाराष्ट्र में मकर संक्रांति के दिन तिल गुड़ बांटने की विशेष परंपरा है. हिंदू धर्म के अनुसार गुड़ को गुरु की प्रिय वस्तु बतायी जाती है, और चूंकि इस बार मकर संक्रांति गुरुवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इस दिन गुड़ का दान करने से आपका बृहस्पति सुफल देता है. ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन गुड़ खाने से गुरु, सूर्य और शनि के दोष खत्म होते हैं. इस दिन लोग गुड़-तिल के लड्डू ब्राह्मण एवं गरीबों को दान दिये जाते हैं.
* काले तिल का दानः
हिंदू शास्त्रों में मकर संक्रांति को तिल संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. मकर संक्रांति पर तिल के दान के साथ ही श्रीहरि, सूर्यदेव एवं शनि देव की काले तिल से पूजा की जाती है. इस संदर्भ में मान्यता है कि शनि देव ने किसी बात पर नाराज हुए अपने पिता की पूजा करने के लिए काले तिल के साथ पूजा की थी और इस पूजा के पश्चात ही नाराज पिता सूर्य देव प्रसन्न होकर शनि देव के घर उपस्थित हुए थे. सूर्य देव ने कहा था कि मकर राशि में प्रवेश करने के समय जो भी भक्त उनकी पूजा काले तिल से करेगा, उससे सूर्यदेव की विशेष कृपा प्राप्त होगी. मान्यता है कि इस दिन गरीबों अथवा ब्राह्मणों को तिल का दान करने से शनि दोष भी दूर होता है. यह भी पढ़ें :Makar Sankranti 2021 Mehndi Designs: मकर संक्रांति पर हाथों में रचाएं खूबसूरत मेहंदी, देखें आसान और लेटेस्ट डिजाइन्स
* कंबल अथवा गरम वस्त्रों का दानः
इस ठिठुरती ठंड में गरीबों को कंबल अथवा गरम कपड़े अथवा जूते दान देना भी पुण्य का कार्य माना जाता है. इसलिए इस दिन गरीबों को कंबल अथवा गरम कपड़ों का दान अवश्य करना चाहिए. इससे अपार पुण्य की तो प्राप्ति होती ही है साथ ही ऐसा करने से राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है. ध्यान रहे यह दान स्नान के बाद ही करना श्रेयस्कर होता है.
* वस्त्र दान
मकर संक्रांति के दिन गरीबों को वस्त्र दान देना बहुत शुभकारी माना जाता है. हिंदू शास्त्रों में इसे महादान भी बताया गया है. इसलिए इस दिन सड़क किनारे रात गुजारने वाले अथवा वृद्धाश्रम में जाकर वस्त्र दान करना चाहिए. यहां इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि मकर संक्रांति के इस अवसर पर फटे-पुराने वस्त्र दान नहीं देना चाहिए. अपनी सामर्थ्यनुसार नये वस्त्र देने से ही गरीब व्यक्ति दुआ देता है. आपके लिए वह दुआ ही बहुत बड़ा पुण्य होता है.