Makar Sankranti 2020: मकर संक्रांति के दिन क्यों पहने जाते हैं काले रंग के कपड़े, जानिए इसका कारण
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने की परंपरा है. इसके अलावा इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने का भी रिवाज है. भले ही हिंदू धर्म में काले रंग को अशुभ माना जाता है, खासकर किसी खास अवसर या पर्व के दिन काले कपड़े पहनने से लोग परहेज करते हैं, लेकिन मकर संक्रांति के दिन अधिकांश लोग काले रंग के कपड़े पहनते हैं.
Makar Sankranti 2020: नए साल के पहले त्योहार मकर संक्रांति (Makar Sankranti) को देशभर में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. हर कोई अपनी परंपरा और रीति-रिवाज के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व मनाता है. इस त्योहार को पंजाब में लोहड़ी (Lohri), तमिलनाडु में पोंगल (Pongal), गुजरात में उत्तरायण (Uttarayan), उत्तर भारत में कई जगहों पर खिचड़ी (Khichadi) जैसे नामों से जाना जाता है. भले ही इस पर्व को कई नामों से जाना जाता हो, लेकिन इसका मकसद खुशियां मनाना और दूसरों में खुशियां बांटना ही है. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने की परंपरा है. इसके अलावा इस दिन काले रंग के कपड़े (Black Color) पहनने का भी रिवाज है.
दरअसल, हिंदू धर्म में काले रंग को अशुभ माना जाता है, खासकर किसी शुभ अवसर या पर्व के दिन काले कपड़े पहनने से लोग परहेज करते हैं, लेकिन मकर संक्रांति के दिन अधिकांश लोग काले रंग के कपड़े पहनते हैं. आखिर इस दिन काले रंग को इतना अधिक महत्व क्यों दिया जाता है, चलिए जानते हैं इसका कारण.
इसलिए पहने जाते हैं काले रंग के कपड़े
मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए ऐसा माना जाता है कि इस दिन से सर्दियों का मौसम खत्म होने लगता है और पतझड़ शुरू होता है. मकर संक्रांति से कुछ दिन पहले तक सीजन की सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है. वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो काला रंग गर्मी को अपने अंदर सोख लेता है, जिससे शरीर में गर्मी बनी रहती है. ऐसे में इस दिन अधिकांश लोग काले रंग के कपड़े पहनते हैं ताकि वे सर्दी से अपना बचाव कर सकें और त्योहार का आनंद ले सकें. हालांकि मकर संक्रांति के दिन काले रंग के कपड़े पहनने के नियम का महाराष्ट्र में अधिकतर लोग पालन करते हैं, लेकिन अन्य जगहों पर लोग रंग-बिरंगी कपड़े पहनकर इस त्योहार को मनाते हैं. यह भी पढ़ें: Makar Sankranti 2020: मकर संक्रांति पर दान का महात्म्य, क्यों करते हैं दान-धर्म? जानें कब और क्या करें दान और क्या हैं इसके अभीष्ठ लाभ!
पुत्र शनि से मिलने जाते हैं सूर्य देव
मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में अपने पुत्र शनि देव से मिलने के लिए जाते हैं. शनि देव को काले तिल अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए इस दिन काले तिल का दान किया जाता है. माना जाता है कि जिस व्यक्ति पर शनि देव का कुप्रभाव है उन्हें इस दिन काले तिल दान करने चाहिए और तिल- गुड़ का सेवन करना चाहिए. ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
गौरतलब है कि मकर संक्रांति के दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, घर-घर में स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं. तिल-गुड़ के लड्डू खाए जाते हैं. खासकर, महाराष्ट्र में इस दिन महिलाएं एक-दूसरे को हल्दी-कुमकुम लगाती हैं, फिर तिल-गुड़ देकर इस पर्व की शुभकामनाएं देती हैं.