Maharana Pratap Jayanti 2021 Images Free Download Online: महान योध्या महाराणा प्रताप की जयंती पर इन Stickers और Greetings से करें नमन
अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक इस साल 13 जून को महाराणा प्रताप की 481वीं जयंती है. ऐसे में हर कोई इस दिन भारत के इस वीर सपूत को सलाम करने जा रहा है.
साहस, वीरता और बहादुरी का सबसे उदाहरण देकर खुद को इतिहास के पन्नों में दर्ज करा देने वाले महान योद्धा महाराणा प्रताप की 13 जून को जयंती ((Maharana Pratap Jayanti)) मनाई जानी है. इस खास मौके पर एक बार फिर पूरा देश इस योद्धा को याद करने जा रहा है. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक इस साल 13 जून को महाराणा प्रताप की 481वीं जयंती है. ऐसे में हर कोई इस दिन भारत के इस वीर सपूत को सलाम करने जा रहा है. दरअसल महाराणा प्रताप और मुगलों की बीच हुई कई लड़ाईयों में उनकी वीरगाथा जानकार आज भी रोएं खड़े जाते हैं और सिर सम्मान के साथ झुक जाता है.
उदय सिंह द्वितीय (Udai Singh II) और जयवंता बाई (Jaiwanta Bai) के वीर पुत्र महाराणा प्रताप ने मुग़ल बादशाह अकबर के नाक में दम कर रखा था. मुगलों की विशाल सेना से लड़ते लड़ते महाराणा प्रताप ने कई विषम परिस्थियां देखी. बावजूद इसके उन्होंने पराजय स्वीकार नहीं की. ऐसे महान योद्धा को हर कोई तरह तरह से नमन कर रहा है. इस खास मौके पर आप भी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस और जीआईएफ ग्रीटिंग्स शेयर करके सभी को बधाई दे सकते हैं.
चेतक पर चढ़े जिसने, जिसने भले से दुश्मन संघारे थे. मातृभूमि के खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे. महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
भारत मां के वीर सपूत, हर हिंदुस्तानी को प्यारा है, कुंवर प्रताप जी के चरणों में सत सत नमन हमारा है. महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
धन्य हो रे राजस्थान, जो जनम लिया यहां प्रताप ने, धन्य हो रे सारा मेवाड़, जहां कदम रखे थे प्रताप ने. महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
प्रताप के शौर की गाथा हर कोई सुनाएगा गाकर, मात्रभूमि भी धन्य हो गई प्रताप जैसा पुत्र पाकर. महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
महाराणा प्रताप के सभी लड़ाइयों में सबसे प्रसिद्ध लड़ाई थी हल्दीघाटी का युद्ध. 18 जून 1576 को हल्दीघाटी में अकबर और महाराणा प्रताप की सेनाएं टकराई थी. इस युद्ध में अकबर की तरफ से जहां 80 हजार से भी ज्यादा सैनिक थे वहीं महाराणा प्रताप सिर्फ 20 हजार सैनिकों के साथ मैदान में उतरे थे. लेकिन इतनी छोटी सेना होने के बावजूद महाराणा प्रताप ये युद्ध नहीं हारे थे.