Maha Shashti 2022 Messages in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) के छठे दिन यानी महा षष्ठी (Maha Shashti) से दुर्गा पूजा का भव्य आगाज हो जाता है और आज यानी 1 अक्टूबर 2022 को नवरात्रि (Navratri) की महा षष्ठी तिथि है, इसलिए आज का दिन बंगाली समुदाय के लोगों के लिए बेहद खास है. इस दिन विभिन्न दुर्गा पंडालों में ढाक-ढोल, तरह-तरह के पकवानों के साथ मां दुर्गा का स्वागत किया जाता है. महा षष्ठी के दिन बोधन के साथ देवी दुर्गा का स्वागत कर उनके मुख का अनावरण किया जाता है. दुर्गा पूजा (Durga Puja) यानी दुर्गा पूजो (Durga Pujo) उत्सव को पश्चिम बंगाल के अलावा असम, ओडिशा और त्रिपुरा जैसे राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. खासकर, बंगाल में दुर्गा पूजा की भव्यता देखते ही बनती है. महा षष्ठी तिथि से शुरु होने वाली दुर्गा पूजा का समापन दशमी तिथि को विजयादशमी के साथ होता है.
शारदीय नवरात्रि के छठे दिन से दुर्गा पूजा की शुरुआत हो जाती है और इस उत्सव के पहले दिन को महा षष्ठी यानी सुभो महा षष्ठी कहा जाता है. इस पावन अवसर पर लोग शुभो महा षष्ठी कहकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी इन भक्तिमय मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- नव दीप जले,
नव फूल खिले,
नित नई बहार मिले,
महा षष्ठी के इस पावन अवसर पर,
आपको माता रानी का आशीर्वाद मिले.
महा षष्ठी की हार्दिक बधाई
2- सच्चा है मां का दरबार,
मैया सब पर दया करती समान,
मैया है मेरी शेरों वाली,
शान है मां की बड़ी निराली...
दुर्गा मां के आशीर्वाद में
असर बहुत है…!!!
महा षष्ठी की हार्दिक बधाई
3- लाल रंग की चुनरी से सजा मां का दरबार,
हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार,
नन्हें-नन्हें कदमों से मां आएं आपके द्वार.
जय माता दी।
महा षष्ठी की हार्दिक बधाई
4- मां का रूप है इतना मनभावन,
तन, मन और जीवन हो गया पावन,
मां के कदमों की आहट से,
गूंज उठा मेरा घर आंगन...
महा षष्ठी की हार्दिक बधाई
5- सारा जहां है जिनकी शरण में,
नमन है उस मां के चरण में,
हम है उस मां के चरणों की धूल,
आओ मिलकर चढ़ाए श्रद्धा के फूल.
महा षष्ठी की हार्दिक बधाई
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, अश्विन अमावस्या यानी महालया के दिन ही देवी दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती पर अपने भक्तों के बीच आती हैं. महालया के अगले दिन से जहां शारदीय नवरात्रि शुरु होती है तो वहीं महालया के छह दिन बाद दुर्गा पूजा का भव्य आगाज होता है. पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव को षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और विजयादशी तक मनाया जाता है, फिर विजयादशमी के दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है.