माघ मास: इस महीने जप, तप और स्नान का होता है विशेष महत्व, इस दौरान हर किसी को करने चाहिए ये काम
माघ महीना 22 जनवरी, मंगलवार से शुरु हो गया है और 12 फरवरी तक रहेगा. इस पूरे महीने संगम तट या किसी धार्मिक स्थल पर स्नान, दान, जप और तप करने से व्यक्ति के समस्त पाप दूर हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
माघ मास: हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार, साल के ग्यारहवें महीने यानी माघ मास (Magh Month) की शुरुआत हो गई है. हिंदू धर्म में इस महीने को जप, तप, स्नान, दान और उपवास के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. माघ महीना 22 जनवरी, मंगलवार से शुरु हो गया है और 12 फरवरी तक रहेगा. इस पूरे महीने संगम तट (Sangam) या किसी धार्मिक स्थल पर स्नान, दान, जप और तप करने से व्यक्ति के समस्त पाप दूर हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस महीने विधिपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) की पूजा करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
इसके अलावा पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) यानी 21 जनवरी से कल्पवास की शुरुआत भी हो गई है जो माघ पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा. प्रयागराज (Prayagraj) के संगम तट पर माघ महीने में कल्पवास की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है. मान्यता है कि प्रयागराज में कल्पवास से आत्मशुद्धि होती है और आध्यात्मिक विकास होता है. चलिए जानते हैं माघ महीने की अद्भुत महिमा...
माघ मास का महत्व-
- माघ महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने का विधान है. इस दौरान भक्तों को पूजा से पहले तिल, जल, फूल और कुश लेकर संकल्प लेना चाहिए.
- पद्म पुराण के मुताबिक, माघ महीने में प्रयागराज के सगम तट पर कल्पवास का विशेष महत्व बताया जाता है.
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रयागराज में माघ मास के दौरान ब्रह्मा, विष्णु, महेश, रुद्र और आदित्य भगवान गमन करते हैं. यह भी पढ़ें: Subhash Chandra Bose Jayanti 2019: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 122वीं जयंती, जानिए आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले इस महान देशभक्त से जुड़ी 10 रोचक बातें
- महाभारत के अनुशासन पर्व की मान्यताओं के अनुसार, माघ महीने में प्रयागराज में तीन करोड़ दस हजार तीर्थों का समागम होता है. इस महीने स्नान करने से श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है.
- पौराणिक मान्यता है कि इस महीने में भगवान विष्णु के मधुसूदन स्वरुप शास्त्र का आदेश देते हैं. मधुसूदन भगवान कृष्ण का ही एक नाम है, जिन्होंने मधु नाम के राक्षस का वध किया था.
- माघ मास में प्रयागराज, काशी, नैमिषारण्य, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार तथा अन्य पवित्र तीर्थों और नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व होता है.
ऐसे करें पूजन
- सबसे पहले सुबह उठने के बाद, स्नान करके भगवान श्रीकृष्ण की पूजा से पहले संकल्प लेना चाहिए.
- इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें, फिर उन्हें गुलाल, अबीर, चंदन और चावल अर्पित करें.
- भगवान कृष्ण का पीले रंग के पुष्पों से श्रृंगार करें, फिर उनकी प्रतिमा के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं.
- तत्पश्चात घर में शुद्धतापूर्वक बने पकवानों का भगवान कृष्ण को भोग लगाएं और उसमें तुलसी के पत्ते डालें.
- इस तरह से विधिपूर्वक माघ महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से भक्तों के दुख दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
करें ये उपाय
- माघ महीने में तिल, गुड़ और ऊनी वस्त्रों को दान करने से कार्यक्षेत्र में कामयाबी मिलती है.
- इस महीने भगवान श्रीकृष्ण की काले तिलों से पूजा करने से शनि ग्रह की पीड़ा दूर होती है.
- माघ माह में मां सरस्वती की काले तिलों से पूजा करने पर राहू दोष शांत होता है.
- पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए इस महीने काले तिलों से पितृ तर्पण करना चाहिए,
- इस महीने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा से 8 मुट्ठी काले तिल चढ़ाकर जल में प्रवाहित करें. यह भी पढ़ें: Republic Day 2019 Wishes: गणतंत्र दिवस पर WhatsApp Stickers, SMS, Facebook के जरिए भेजें ये शानदार मैसेजेस और हर किसी के मन में जगाएं देशभक्ति की भावना
मंत्र- भगवान श्रीकृष्ण की पंचोपचार विधि से पूजा करें और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए 'ॐ श्रीनाथाय नम:' मंत्र का जप करें
बहरहाल, अगर आप भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि पाने की कामना करते हैं तो माघ महीने में श्रीकृष्ण की आराधना करने के साथ-साथ किसी पवित्र धार्मिक स्थल पर जप, तप, स्नान और दान जैसे कर्म जरूर करें.