माघ मास: इस महीने जप, तप और स्नान का होता है विशेष महत्व, इस दौरान हर किसी को करने चाहिए ये काम

माघ महीना 22 जनवरी, मंगलवार से शुरु हो गया है और 12 फरवरी तक रहेगा. इस पूरे महीने संगम तट या किसी धार्मिक स्थल पर स्नान, दान, जप और तप करने से व्यक्ति के समस्त पाप दूर हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Facebook)

माघ मास: हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार, साल के ग्यारहवें महीने यानी माघ मास (Magh Month) की शुरुआत हो गई है. हिंदू धर्म में इस महीने को जप, तप, स्नान, दान और उपवास के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. माघ महीना 22 जनवरी, मंगलवार से शुरु हो गया है और 12 फरवरी तक रहेगा. इस पूरे महीने संगम तट (Sangam) या किसी धार्मिक स्थल पर स्नान, दान, जप और तप करने से व्यक्ति के समस्त पाप दूर हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस महीने विधिपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) की पूजा करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

इसके अलावा पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) यानी 21 जनवरी से कल्पवास की शुरुआत भी हो गई है जो माघ पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा. प्रयागराज (Prayagraj) के संगम तट पर माघ महीने में कल्पवास की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है. मान्यता है कि प्रयागराज में कल्पवास से आत्मशुद्धि होती है और आध्यात्मिक विकास होता है. चलिए जानते हैं माघ महीने की अद्भुत महिमा...

माघ मास का महत्व-

ऐसे करें पूजन 

करें ये उपाय 

मंत्र- भगवान श्रीकृष्ण की पंचोपचार विधि से पूजा करें और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए 'ॐ श्रीनाथाय नम:' मंत्र का जप करें

बहरहाल, अगर आप भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि पाने की कामना करते हैं तो माघ महीने में श्रीकृष्ण की आराधना करने के साथ-साथ किसी पवित्र धार्मिक स्थल पर जप, तप, स्नान और दान जैसे कर्म जरूर करें.

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