Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2022 Images: कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी की इन Wallpapers, Wishes, Messages, Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं

कहा जाता है कि भक्त अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी का व्रत करते हैं. इस दिन भक्त अपनों को शुभकामना संदेशों के जरिए बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप भी इस खास अवसर पर आप भगवान गणेश के इन इमेजेस, वॉलपेपर्स, विशेज, मैसेजेस, ग्रीटिंग्स के जरिए अपनों को कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2022 (Photo Credits: File Image)

Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2022 Images: प्रथम पूजनीय भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) को चतुर्थी तिथि अत्यंत प्रिय है, इसलिए हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) मनाई जाती है. इस दिन भगवान गणेश का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. आज यानी 16 जून 2022 को कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी (Krishnapingala Sankashti Chaturthi) मनाई जा रही है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है, जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह मई या जून में पड़ता है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी के दिन ही भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश को सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय घोषित किया था. हर संकष्टी चतुर्थी से अलग-अलग कथाएं जुड़ी हुई हैं.

कहा जाता है कि भक्त अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी का व्रत करते हैं. इस दिन भक्त अपनों को शुभकामना संदेशों के जरिए बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप भी इस खास अवसर पर आप भगवान गणेश के इन इमेजेस, वॉलपेपर्स, विशेज, मैसेजेस, ग्रीटिंग्स के जरिए अपनों को कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2022

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2022 (Photo Credits: File Image)

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2022

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2022 (Photo Credits: File Image)

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2022

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2022 (Photo Credits: File Image)

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2022

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी 2022

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी के दिन भक्त जल्दी उठते हैं और स्नानादि से निवृत्त होकर यह व्रत करते हैं. इस व्रत के दौरान चावल, गेहूं और दाल का सेवन करना वर्जित है. कहा जाता है कि इस दिन ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए और कपड़े दान करने चाहिए. भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. इस व्रत को करने से भगवान गणेश अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

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