Krishna Janmashtami 2020 Latest Mehndi Designs: कृष्ण जन्माष्टमी पर मेहंदी रचाकर बढ़ाएं अपने हाथों की शुभता, इन लेटेस्ट खूबसूरत डिजाइन्स से बनाएं जन्मोत्सव को खास
कृष्ण जन्माष्टमी पर महिलाएं कान्हा का जन्मोत्सव को खास बनाने के लिए शुभता के प्रतीक के तौर पर अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं. दरअसल, हिंदू धर्म में किसी भी पर्व को मेहंदी के बिना अधूरा माना जाता है, यही वजह है कि अधिकांश महिलाएं और लड़कियां इस दिन अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं.
Krishna Janmashtami 2020 latest Mehndi Designs: हैप्पी जन्माष्टमी 2020! (Happy Janmashtami) कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच जहां देश के कुछ हिस्सो में आज कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का त्योहार मनाया जा रहा है तो वहीं देश के कुछ हिस्सों में कल यानी 12 अगस्त को जन्माष्टमी (Janmashtami) मनाई जाएगी. जन्माष्टमी के दिन लोग व्रत रखकर लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) की उपासना करते हैं और उनका जन्मोत्सव मनाते हैं. इस दिन घरों और मंदिरों में कान्हा के जन्मोत्सव (Kanha Janmotsav) का विशेष आयोजन किया जाता है. महिलाएं कान्हा का जन्मोत्सव को खास बनाने के लिए शुभता के प्रतीक के तौर पर अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं. दरअसल, हिंदू धर्म में किसी भी पर्व को मेहंदी के बिना अधूरा माना जाता है, यही वजह है कि अधिकांश महिलाएं और लड़कियां इस दिन अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं. इसके साथ ही नए कपड़ों और गहनों के साथ श्रृंगार कर इस दिन को खास बनाया जा सकता है.
कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर आप मेहंदी के खूबसूरत डिजाइन्स से अपनी हथेली की खूबसूरती में चार चांद लगा सकें, इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं जन्माष्टमी स्पेशल मेहंदी डिजाइन्स (Janmashtami Special Mehndi Designs)...इन ट्यूटोरियल वीडियो और फोटोज की मदद से आप अपने हाथों में आकर्षक मेहंदी रचा सकती हैं.
फ्लोरल मेहंदी डिजाइन
फुल हैंड मेहंदी डिजाइन
ट्रेडिशनल मेहंदी डिजाइन
श्रीकृष्ण मेहंदी डिजाइन ट्यूटोरियल वीडियो-
गौरतलब है कि हर हाल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. मान्यता है कि इस पावन तिथि पर मध्यरात्रि में रोहिणी नक्षत्र में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था. कान्हा का जन्म होते ही उनके बाल गोपाल स्वरूप का अभिषेक किया जाता है, उन्हें पोषाक पहनाकर उनका अद्भुत श्रृंगार किया जाता है. इसके साथ ही उन्हें माखन-मिश्री के अलावा 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है.