Karwa Chauth 2020 Puja Vidhi: करवा चौथ के दिन रख रही हैं व्रत तो इस विधि से करें पूजा, मिलेगा अखंड सौभाग्य और खुशहाल जीवन का वरदान

भारत त्योहारों का देश है. यहां सालभर अनगिनत त्यौहार मनाएं जाते हैं, जिसमें से एक है करवा चौथ है. करवा चौथ सुहागनों का प्रिय त्यौहार है. इस साल देशभर में यह त्यौहार 4 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन सुहागिन औरतें अपने पति की अच्छी सेहत और उनकी की दीर्घ आयु की कामना करती है. जानें इस व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त.

करवा चौथ (Photo Credits: File Photo)

Karwa Chauth 2020: भारत त्योहारों का देश है. यहां सालभर अनगिनत त्यौहार मनाएं जाते हैं, जिसमें से एक है करवा चौथ है. करवा चौथ सुहागनों का प्रिय त्यौहार है. इस साल देशभर में यह त्यौहार 4 नवंबर को मनाया जाएगा. करवा चौथ दिवाली (Diwali) के 10-11 दिन पहले मनाया जाता है. करवा चौथ (Karwa Chauth) विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है, इस दिन सुहागिन औरतें अपने पति की अच्छी सेहत और उनकी की दीर्घ आयु की कामना करती है. इस दिन सुहागन महिलाएं सूरज निकलने से पहले सास द्वारा बनाई गई सरगी खाकर चांद निकलने तक निर्जला व्रत रखती हैं.

करवा चौथ के दिन सभी सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर चंद्रमा (Moon) का दर्शन और पूजन करके व्रत खोलती हैं. इस व्रत में श्रृंगार का भी बहुत महत्त्व है. करवा चौथ सबसे कठिन उपवासों में से एक है, क्योंकि इस दिन बिना कुछ खाए-पिए व्रत रखा जाता है. 4 नवंबर को मनाए जानें वाले करवा चौथ के लिए सुहागन महिलाओं ने तैयारी करना शुरू कर दी है. जो भी सुहागिन महिलाएं पहली बार यह व्रत रख रही हैं, उनके लिए यह अधिक कठिन लग सकता है.

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जब कोई बिना पानी और खानें के उपवास करता है, तो शरीर से बहुत सारे टॉक्सिन निकल जातें हैं, जिसकी वजह से महिलाएं आलसी और मूडी महसूस करती हैं. महिलाएं अपने पति के हाथों से जल पीकर अपना व्रत खोलती हैं. करवा चौथ का त्योहार हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. सुहागिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा कर अपने वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की कामना करती हैं और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती है. जानें इस व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त.

करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त:-

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 4 नवंबर को सुबह 3.24 मिनट पर हो रहा है और अगले दिन यानी की 5 नवंबर 2020 को सुबह 5.14 मिनट पर इसका समापन होगा. यानि की इस साल महिलाओं को करवाचौथ का व्रत 13 घंटे 37 मिनट तक रखना होगा. इस व्रत का प्रारंभ 4 नवंबर को सुबह 6.35 मिनट से रात 8 बजकर 12 मिनट तक होगा. उसके बाद ही चंद्रमा का दर्शन और पूजन करके इस व्रत को विधि-विधान से संम्पन करना होगा. करवाचौथ के पूजन का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर को शाम 05.34 मिनट से शाम 06.52 मिनट तक रहेगा. पूजा की तैयारी की जाती है.

करवाचौथ की पूजन विधि:-

यह व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है और चंद्र दर्शन के साथ खत्म होता है. इस व्रत में शिव जी, पार्वती जी, नंदी जी, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पूजा की जाती है. पूजा के समय पूर्व की ओर मुख किया जाता है और चंद्रमा के दिखते ही यंकी पूजा की जाती है. उसके बाद पति को छलनी से देखा जाता है इसके बाद पति के अपने हाथ से पत्नी को पानी पिलाकर व्रत का समापन करते हैं.

करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं शाम को शिवजी सहित उनके पूरे परिवार की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. करवा माता यानी पार्वती की कथा सुने बिना ये व्रत अधूरा होता है क्योंकि माता पार्वती को अखण्ड सौभाग्यवती माना जाता है. इसलिए माता पार्वती की पूजा आराधना कर महिलाएं उनका आशीर्वाद लेती है. 4 नवंबर को चंद्रोदय का समय शाम को 08.12 मिनट पर है.

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