Karwa Chauth 2020 Sargi: सरगी क्या होती है? करवा चौथ के व्रत में इसे क्यों माना जाता है महत्वपूर्ण, जानें सरगी खाने का सही समय

करवा चौथ व्रत में सरगी का विशेष महत्व होता है. आमतौर पर सरगी में खाने-पीने की चीजों को शामिल किया जाता है, जिसे सूर्योदय से पहले सास अपनी बहू को देती है. सरगी की थाली में मिठाइयां, फल, सूखे मेवे, मठरी, सेवइयां, फिरनी, नारियल पानी, पूरी या पराठे, जूस इत्यादि चीजें होती हैं. इसके अलावा सास अपनी बहू को कपड़े, आभूषण और श्रृंगार का सामान भी देती हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Instagram)

Karwa Chauth 2020 Sargi: हिंदू धर्म में सुहागन महिलाओं (Married Women) को करवा चौथ व्रत (Karwa Chauth Vrat) का सालभर बेसब्री से इंतजार रहता है, लेकिन अब उनका इंतजार खत्म हो गया है, क्योंकि कल यानी बुधवार (4 नवंबर 2020) को करवा चौथ (Karwa Chauth) है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना से व्रत रखती हैं. इस पर्व को पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते को अधिक मजबूत करने वाला माना जाता है. दिन भर भूखी-प्यासी रहने के बाद महिलाएं शाम को सज-संवरकर करवा चौथ की पूजा करती हैं, फिर रात में चांद का दीदार करने के बाद छलनी से अपने पति का चेहरा देखती हैं और उनके हाथों से जल पीकर अपना व्रत पूर्ण करती हैं.

हालांकि करवा चौथ व्रत में कई जगहों पर सूर्योदय से पहले सरगी (Sargi)  खाने की परंपरा है. आखिर यह सरगी क्या है (What is Sargi) और करवा चौथ व्रत में इसका क्या महत्व है? चलिए विस्तार से जानते हैं. यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2020 Puja Samagri List: करवा चौथ व्रत की थाली में आवश्यक हैं ये चीजें, देखें पूजा सामग्रियों की पूरी लिस्ट

क्या होती है सरगी?

आमतौर पर सरगी में खाने-पीने की चीजों को शामिल किया जाता है, जिसे सूर्योदय से पहले सास अपनी बहू को देती है. अगर घर में सास नहीं है तो जेठानी, बड़ी ननद या परिवार की कोई भी बुजुर्ग महिला सरगी देती है. सरगी की थाली में मिठाइयां, फल, सूखे मेवे, मठरी, सेवइयां, फिरनी, नारियल पानी, पूरी या पराठे, जूस इत्यादि चीजें होती हैं. इसके अलावा सास अपनी बहू को कपड़े, आभूषण और श्रृंगार का सामान भी देती हैं. बहुएं सास द्वारा दी गई सरगी को प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं और फिर करवा चौथ का व्रत रखती हैं. सरगी को सूर्योदय से पहले खाया जाता है. कहा जाता है कि सरगी खाने से दिनभर निर्जल व्रत रखने के बावजूद महिलाओं के शरीर में ऊर्जा बनी रहती है.

सरगी खाने का समय

चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 4 नवंबर 2020 तड़के 3:24 बजे से,

चतुर्थी तिथि समाप्त- 5 नवंबर 2020 सुबह 5.14 बजे तक.

सरगी खाने का समय- सुबह 4.51 बजे से सुबह 5.43 बजे तक.

करवा चौथ व्रत का समय- सुबह 6.35 से रात 8.12 बजे तक.

पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5.34 से शाम 6.52 बजे तक. यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2020 Thali Decoration Ideas: करवा चौथ थाली और चलनी को कैसे सजाएं? जानें व्रत की थाली को सजाने का आसान तरीका और आवश्यक सामग्रियों की लिस्ट

करवा चौथ में सरगी का महत्व

करवा चौथ के व्रत में सरगी का विशेष महत्व बताया जाता है. माना जाता है कि सरगी की थाली में फलों को देकर सास अपनी बहू को उसके वैवाहिक जीवन में मिठास बने रहने का आशीर्वाद देती है. मिठाइयों के बिना हमारे त्योहार अधूरे माने जाते हैं, इसलिए सरगी की थाली में मिठाइयां रखना बेहद शुभ माना जाता है. सरगी में सूखे मेवे, नारियल पानी और फलों के जूस का सेवन किया जाता है. इससे व्रत के दौरान शरीर में कमजोरी महसूस नहीं होती है और ऊर्जा बनी रहती है. सूर्योदय से पहले सास या घर की वरिष्ठ महिला बहू को सरगी देती है और फिर शाम को बहुएं अपनी सास या घर की वरिष्ठ महिला को बायना देती हैं, जिसमें खाने की चीजों के साथ-साथ साड़ी और श्रृंगार का सामान होता है.

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