Kartik Purnima 2019: सोमनाथ में 11 से 15 नवंबर तक होगा कार्तिक मेले का आयोजन, चक्रवात 'महा' के कारण टल गया था यह मेला
इस साल कार्तिक पूर्णिमा मेले का आयोजन 8 नवंबर को किया जाना था, लेकिन चक्रवात महा के खतरे को देखते हुए इसे टाल दिया गया था. अब चक्रवात महा का रूख दूसरी ओर गया है और गुजरात पहुंचने से पहले ही वह कमजोर हो गया. अब सोमनाथ में कार्तिक मेला का आयोजन 11 से 15 नवंबर तक किया जाएगा. सोमनाथ जिला प्रशासन और सोमनाथ ट्रस्क की संयुक्त बैठक में यह फैसला किया गया है.
Kartik Purnima 2019 Mela: भगवान शिव (Lord Shiva) के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple) की रौनक कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दौरान देखने लायक होती है. सोमनाथ में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर कार्तिक पूर्णिमा मेले (Kartik Purnima Mela) का आयोजन किया जाता है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा मेले का आयोजन 8 नवंबर को किया जाना था, लेकिन चक्रवात 'महा' के खतरे को देखते हुए इसे टाल दिया गया था. हालांकि अब चक्रवात 'महा' का रूख दूसरी ओर गया है और गुजरात पहुंचने से पहले ही वह कमजोर हो गया. अब सोमनाथ में कार्तिक मेला का आयोजन 11 से 15 नवंबर तक किया जाएगा. सोमनाथ जिला प्रशासन और सोमनाथ ट्रस्ट की संयुक्त बैठक में यह फैसला किया गया है.
हर साल सोमनाथ में कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष में 5 दिवसीय कार्तिक मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले में भारी तादात में श्रद्धालु पहुंचते हैं. सोमनाथ महादेव मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा की मध्यरात्रि महाआरती का आयोजन किया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा की मध्यरात्रि चंद्रमा ऐसे दिखाई देते हैं, जैसे प्रतीत होता है कि सोमेश्वर भगवान ने स्वयं अपने मस्तक पर चंद्र को धारण कर रखा हो. यह भी पढ़ें: भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग में सोमनाथ मंदिर पहला ज्योतिर्लिंग, जहां पूरी होती है हर मनोकामना
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दक्ष प्रजापति के श्राप से मुक्ति पाने के लिए चंद्रमा भगवान ब्रह्मा के पास पहुंचे. उन्होंने प्रभास क्षेत्र के रत्नाकर तट पर चंद्र देव को भगवान शिव की आराधना करने का उपाय बताया. कथा के अनुसार, चंद्रदेव ने इस क्षेत्र में भगवान शिव की आराधना की और महामृत्युंजय मंत्र का जप किया. उनकी तपस्या से भगवान शिव प्रसन्न हुए और चंद्रमा को उनकी कलाएं पुन: प्राप्त हुईं.