भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग में सोमनाथ मंदिर पहला ज्योतिर्लिंग, जहां पूरी होती है हर मनोकामना
सोमनाथ मंदिर (Photo Credits: wikimedia)

गुजरात: पूरे देश में 28 जुलाई से सावन महीने का धूम मची हुई है. देश के सभी मंदिरों में विराजमान शिव भगवान की पूजा-पाठ रीतिरिवाजों के साथ की जा रही है. भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है. इस पवित्र महीने में अलग-अलग 12 शिवलिंग की पूजा की जाती है. जिसमें गुजरात प्रांत के काठियावाड़ा क्षेत्र के समुद्र के पास बना सोमनाथ मंदिर है.

यह शिवलिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में पहला ज्योतिर्लिंग है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर पर 6 बार आक्रमण हुआ कई बार टूटने के बाद इस मंदिर का पुननिर्माण करवाया गया. इस मंदिर के ज्योतिर्लिंग की विशेषता इतनी है कि सावन के पहले ही दिन से पूजा-पाठ के लिए लोगों की भीड़ इस मंदिर में उमड़ती है.

सोमनाथ मंदिर

इस मंदिर के ज्योतिर्लिंग के बारे में कहावत है कि इसके दर्शन करने से भक्त के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं, और उसके लिए मोक्ष का मार्ग सहज हो जाता है. ग्रंथों में कहा गया है कि श्री सोमनाथ महादेव मंदिर की छटा ही निराली है. इसका जिक्र श्रीमद्‍भागवत, गीता, दपुराणम, शिवपुराणम आदि प्राचीन जमाने के ग्रंथों में भी किया गया है. सोमेश्वर मंदिर की महिमा का जिक्र ऋग्वेद में भी किया गया है कि यहा पर आकर पूजा याचना करने वाले भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती है. वह खाली हाथ नही जाता हैं.

सोमनाथ का यह मंदिर गर्भगृह, सभामंडप और नृत्यमंडप तीन प्रमुख भागों में बाट है. इसके उपरी शिखर पर कलश का वजन दस टन है तो वही इसके ध्वजा की लम्बाई 27 फुट ऊंची है.  इस मंदिरको आक्रमण के दौरान 6 बार टूटने के बाद इस मंदिर का पुननिर्माण महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था.