Kamika Ekadashi 2021 Wishes & HD Images: हैप्पी कामिका एकादशी! भेजें ये मनमोहक WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings और वॉलपेपर्स
कामिका एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

Kamika Ekadashi 2021 Wishes & HD Images: भगवान शिव (Lord Shiva) की भक्ति और उपासना का पावन मास सावन (Sawan Month) चल रहा है. सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) कहा जाता है और इस एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस साल सावन कृष्ण पक्ष की कामिका एकादशी 4 अगस्त को मनाई जा रही है. इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की विधि-विधान से पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस व्रत का सच्चे मन से पालन करने पर व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. इस व्रत के महत्व का वर्णन स्वयं श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर से किया था. शास्त्रों में उल्लेख किया गया है कि भगवान श्रीहरि के आराध्य भगवान शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य श्रीहरि. ऐसे में सावन मास की कामिका एकादशी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.

कामिका एकादशी सभी मनोरथों को पूर्ण करने वाली और भक्तों को सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाली मानी जाती है. ऐसे में श्रीहरि के भक्त एक-दूसरे को बधाई न दें, ऐसा कैसे हो सकता है. इस खास अवसर पर आप इन मनमोहक विशेज, एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और वॉलपेपर्स को भेजकर अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को हैप्पी कामिका एकादशी कह सकते हैं.

1- कामिका एकादशी 2021

कामिका एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

2- कामिका एकादशी 2021

कामिका एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

3- कामिका एकादशी 2021

कामिका एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

4- कामिका एकादशी 2021

कामिका एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

5- कामिका एकादशी 2021

कामिका एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही पूजन में तुलसी दल का उपयोग जरूर करना चाहिए, क्योंकि तुलसी दल श्रीहरि को अत्यंत प्रिय है और इसके बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है. पूजन के दौरान 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. व्रतियों को इस व्रत की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए, फिर द्वादशी तिथि को ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा देने के बाद व्रत का पारण करना चाहिए.