Kamada Ekadashi 2021: आज है कामदा एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त, भगवान विष्णु की पूजा विधि, मंत्र और महत्व
आज (23 अप्रैल 2021) चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. भगवान विष्णु की उपासना के लिए इस दिन को बेहद खास माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से हजारों वर्षों की तपस्या के बराबर फल मिलता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना भी बेहद शुभ माना जाता है. शास्त्रों में भी इस व्रत को उत्तम फलदायी माना गया है.
Kamada Ekadashi 2021: हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत (Ekadashi Fast) को सभी व्रतों में सबसे उत्तम और श्रेष्ठ फलदायी माना जाता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को अति प्रिय है, इसलिए इस दिन जो भी व्रत रखकर भगवान श्रीहरि की उपासना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आज (23 अप्रैल 2021) चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. भगवान विष्णु की उपासना के लिए इस दिन को बेहद खास माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से हजारों वर्षों की तपस्या के बराबर फल मिलता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना भी बेहद शुभ माना जाता है. शास्त्रों में भी इस व्रत को उत्तम फलदायी माना गया है. चलिए जानते हैं कामदा एकादशी का शुभ मुहूर्त, भगवान विष्णु की पूजा विधि, मंत्र और इसका महत्व.
कामदा एकादशी शुभ मुहूर्त
कामदा एकादशी- 23 अप्रैल 2021 (शुक्रवार)
एकादशी तिथि प्रारंभ- 22 अप्रैल रात 11.37 बजे से,
एकादशी तिथि समाप्त- 23 अप्रैल रात 9.47 बजे तक.
कामदा एकादशी पूजा विधि
- कामदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- अब पूजा स्थल पर एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें.
- इसके बाद तुलसी दल, चंदन, फल, फूल, धूप-दीप, पंचामृत इत्यादि से श्रीहरि का विधिवत पूजन करें.
- पूजा के दौरान कामदा एकादशी की व्रत कथा को पढ़ें या फिर सुनें और श्रीहरि के मंत्र का जप करें
- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और 'ओम् नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का 108 बार जप करें.
- कामदा एकादशी के दिन रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तनादि करें और अगली सुबह व्रत का पारण करें.
- द्वादशी तिथि को सुबह पूजा करके ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद ही अपने व्रत का पारण करना चाहिए. यह भी पढ़ें: Ekadashi Vrat In Year 2021: साल 2021 में कब-कब पड़ रहे हैं एकादशी व्रत, जानें भगवान विष्णु की सबसे प्रिय तिथियों की पूरी लिस्ट
कामदा एकादशी का महत्व
कहा जाता है कि महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर और अर्जुन को एकादशी के व्रत का महत्व बताया था. उनके कहने के अनुसार युधिष्ठिर ने भी विधि-विधान से एकादशी का व्रत रखा और नियम पूर्वक इसका पारण किया. कहा जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मरने बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. एकादशी के व्रत को समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला व्रत माना गया है. इसके साथ ही इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर होती हैं और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है.