Kalki Jayanti 2023 Wishes: कल्कि जयंती की इन शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं

सावन शुक्ल षष्ठी तिथि पर श्रीहरि के अवतार कल्कि की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आ रहे कष्ट दूर होते हैं. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए कल्कि जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

कल्कि जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

Kalki Jayanti 2023 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, नाग पचंमी (Nag Panchami) का त्योहार मनाए जाने के बाद अगले दिन यानी सावन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती (Kalki Jayanti) मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, आज (22 अगस्त 2023) कल्कि जयंती मनाई जा रही है. इस दिन भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) के दसवें अवतार भगवान कल्कि की उपासना का विधान है. यह एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसे भगवान विष्णु के कल्कि अवतार लेने से पहले धूमधाम से मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि धरती पर कलयुग के आखिर में जब पाप और अत्याचार बहुत बढ़ जाएगा, तब भगवान विष्णु कल्कि का अवतार लेकर धरती पर प्रकट होंगे. कल्कि अवतार में भगवान विष्णु पाप का अंत करने के लिए दुष्टों का संहार करेंगे, इसी के साथ कलयुग का अंत होगा और सतयुग आरंभ होगा.

सावन शुक्ल षष्ठी तिथि पर श्रीहरि के अवतार कल्कि की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आ रहे कष्ट दूर होते हैं. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए कल्कि जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- कल्कि जयंती की शुभकामनाएं

कल्कि जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)
2- कल्कि जयंती की हार्दिक बधाई

कल्कि जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

3- शुभ कल्कि जयंती

कल्कि जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी कल्कि जयंती

कल्कि जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

5- कल्कि जयंती 2023

कल्कि जयंती 2023 (Photo Credits: File Image)

कल्कि जयंती पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, फिर पीले रंग के वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें. अब पूजा स्थल पर पीले रंग का आसन तैयार कर उस पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद भगवान को दूध, मेवा, फल और फूल अर्पित करे. इसके साथ धूप-दीप प्रज्जवलित करें. इस दिन विधि-विधान से पूजन करने के साथ-साथ श्रीहरि के मंत्र ‘मत्स्यः कूर्मो वराहश्च नारसिंहोऽथ वामनः । रामो रामश्च रामश्च कृष्णः कल्किश्च ते दशः’ का जप करना चाहिए.
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