Kajari Teej 2020: कजरी तीज कब है? सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं यह व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

कजरी तीज का त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. यह पावन तिथि इस साल 6 अगस्त 2020 (गुरुवार) को पड़ रही है. हरियाली तीज की तरह ही कजरी तीज के दिन भी सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत की कामना से व्रत रखती हैं और भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा करती हैं.

कजरी तीज 2020 (Photo Credits: File Image)

Kajari Teej 2020: भगवान शिव (Lord Shiva) के प्रिय सावन मास (Sawan Maas) की हरियाली तीज (Hariyali Teej) मनाए जाने के बाद अब सुहागन महिलाएं कजरी तीज (Kajari Teej) का पर्व मनाने की तैयारी कर रही हैं. कजरी तीज का त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. यह पावन तिथि इस साल 6 अगस्त 2020 (गुरुवार) को पड़ रही है. हरियाली तीज की तरह ही कजरी तीज के दिन भी सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत की कामना से व्रत रखती हैं और भगवान शिव-माता पार्वती (Shiv Parvati) की पूजा करती हैं. कजरी तीज को कजली तीज (kajali Teej), बूढ़ी तीज (Budhi Teej) या सातूड़ी तीज (Satudi Teej) के नाम से भी जाना जाता है.

इस पर्व को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं दिन भर निर्जल व्रत रखती हैं और सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद उनकी पूजा संपन्न होती है. चलिए जानते हैं कजरी तीज का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व.

कजरी तीज शुभ मुहूर्त

कजरी तीज तिथि- 6 अगस्त 2020 (गुरुवार)

तृतीया तिथि प्रारंभ- 5 अगस्त 2020 की रात 10. 52 बजे से,

तृतीया तिथि समाप्त- 7 अगस्त 2020 को रात 12:16 बजे तक.

व्रत व पूजा विधि

कजरी तीज का महत्व

हरियाली तीज और हरितालिका तीज की तरह ही कजरी तीज का व्रत सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से करती हैं. माना जाता है कि यह व्रत करने से सुहागन स्त्रियों को भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस व्रत के प्रभाव से घर में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और खुशहाली का आगमन होता है.

इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं. अपने हाथों-पैरों में मेहंदी रचाती हैं. इस दिन घरों में झूला डाला जाता है और महिलाएं झूला झूलती हैं. मान्यता है कि कजरी तीज के दिन सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती के कजली स्वरूप की पूजा करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.

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