Kabir Das Jayanti 2023 Messages in Hindi: आज यानी 04 जून 2023 को देशभर में संत कबीर दास जी की जयंती (Sant Kabir Das Jayanti) मनाई जा रही है, जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को संत कबीर दास जी (Sant Kabir Das) की जयंती (Sant Kabir Das Jayanti) मनाई जाती है. कहा जाता है कि उनका जन्म काशी में सन 1398 में हुआ था. उनके जन्म को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं. कुछ तथ्यों के आधार पर कहा जाता है कि रामानंद गुरु के आशीर्वाद से उनका जन्म एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से हुआ था, लेकिन लोक-लाज के डर से उन्होंने कबीर दास (Kabir Das) को काशी (Kashi) में लहरतारा नामक तालाब के पास छोड़ दिया था. जिसके बाद उनकी परवरिश निसंतान नीरू और नीमा नाम के दपंत्ति ने की. वहीं कुछ विद्वानों का मानना है कि कबीर दास जन्म से ही मुस्लिम थे और गुरु रामानंद से उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.
कबीर दास या कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे. उन्होंने अपनी कविताओं और दोहों के माध्यम से न सिर्फ भारतीय जनमानस पर अमिट प्रभाव छोड़ा, बल्कि उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना की. कबीर जयंती के इस खास अवसर पर इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स और फोटो एसएमएस के जरिए बधाई दे सकते हैं.
1- गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, का के लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोबिंद दियो बताय॥
कबीर जयंती की हार्दिक बधाई
2- यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान।
शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान॥
कबीर जयंती की हार्दिक बधाई
3- माया मरी न मन मरा, मर-मर गए शरीर।
आशा तृष्णा ना मरी, कह गए दास कबीर॥
कबीर जयंती की हार्दिक बधाई
4- पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय।
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय॥
कबीर जयंती की हार्दिक बधाई
5- साईं इतना दीजिए, जा में कुटुंब समाय।
मैं भी भूखा न रहूं, साधु ना भूखा जाय॥
कबीर जयंती की हार्दिक बधाई
भारत के महान कवियों और संतों में शुमार संत कबीर दास जी ने अपने जीवन काल में समाज में फैली बुराइयों और अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया. उन्होंने अपनी लेखनी के जरिए समाज में फैले आडंबरों पर कड़ा प्रहार किया. एक संत होने के साथ-साथ कबीर दास जी एक महान विचारक और समाज सुधारक के तौर पर भी जाने जाते थे. उन्होंने अपने दोहों के जरिए लोगों को जीवन जीने की सीख दी है और उनके दोहे आज भी काफी प्रचलित हैं.