Kaanum Pongal 2022 Greetings: कानम पोंगल पर इन आकर्षक HD Images, WhatsApp Wishes, GIF Greetings, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं

कन्नुम या कानम पोंगल को तिरुवल्लुर दिवस के रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है, जिसे तिरुवल्लुवर नाम के ऐतिहासिक लेखक, कवि और दार्शनिक की याद में मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि कन्नुम पोंगल और कन्नी पोंगल दोनों एक ही दिन मनाए जाते हैं. इस खास मौके पर आप इन ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स के जरिए कानुम पोंगल की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

कानम पोंगल 2022 (Photo Credits: File Image)

Kaanum Pongal 2022 Greetings in Hindi: कानम पोंगल (Kaanum Pongal) या कन्नुम पोंगल (Kanum Pongal) चार दिवसीय पोंगल (Pongal) उत्सव का चौथा व आखिरी दिन है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, कानम पोंगल का पर्व 17 जनवरी को मनाया जाता है. वैसे तो इस पर्व को तमिलनाडु (Tamil Nadu) में पूरे जोश और उत्साह से मनाया जाता है, लेकिन इसे आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) और कर्नाटक (Karnataka) जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में भी मनाया जाता है. फसलों के प्रमुख पर्व पोंगल को तमिल कैलेंडर के थाई महीने में मनाया जाता है. इस दिन किसान अच्छी फसल के लिए ईश्वर का धन्यवाद करते हैं. कन्नुम शब्द का अर्थ है यात्रा करना, इसलिए इस दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार वालों से मिलने के लिए जाते हैं.

कन्नुम या कानम पोंगल को तिरुवल्लुर दिवस के रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है, जिसे तिरुवल्लुवर नाम के ऐतिहासिक लेखक, कवि और दार्शनिक की याद में मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि कन्नुम पोंगल और कन्नी पोंगल दोनों एक ही दिन मनाए जाते हैं, लेकिन दोनों को मनाने का तरीका अलग होता है. इस खास मौके पर आप इन आकर्षक ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स के जरिए कानुम पोंगल की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- कानम पोंगल 2022

कानम पोंगल 2022 (Photo Credits: File Image)

2- कानम पोंगल 2022

कानम पोंगल 2022 (Photo Credits: File Image)

3- कानम पोंगल 2022

कानम पोंगल 2022 (Photo Credits: File Image)

4- कानम पोंगल 2022

कानम पोंगल 2022 (Photo Credits: File Image)

5- कानम पोंगल 2022

कानम पोंगल 2022 (Photo Credits: File Image)

पोंगल के आखिरी दिन यानी कन्नुम पोंगल के दिन तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में किसान 7 कुंवारी देवी की पूजा करते हैं, जिन्हें सप्त कनिमार भी कहा जाता है. कहा जाता है कि इस दिन सात कुंवारी देवी की पूजा करने से किसानों की कृषि भूमि को आशीर्वाद मिलता है. सात अविवाहित लड़कियों को इस दिन सप्त कनिमार के रूप में सम्मानित किया जाता है, उन्हें कपड़े और आभूषण दिए जाते हैं. इस दिन पूरे परिवार के लोग इकट्ठा होकर स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ उठाते हैं.

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