Jagannath Rath Yatra 2024 Wishes: हैप्पी जगन्नाथ रथ यात्रा! इन मनमोहक WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers को भेजकर दें बधाई
पुरी में आयोजित होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से भक्त आते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और खुशियों का आगमन होता है. इस अवसर पर लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी करते हैं. ऐसे में आप भी इन मनमोहक विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों से हैप्पी जगन्नाथ रथ यात्रा कह सकते हैं.
Jagannath Rath Yatra 2024 Wishes in Hindi: ओडिशा (Odisha) के पुरी (Puri) में आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व बताया जाता है. जगन्नाथ धाम को मुक्ति का द्वार भी कहा जाता है, इसलिए इस भव्य रथ यात्रा में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. ऐसी मान्यता है कि रथ यात्रा में शामिल होकर जगन्नाथ जी के रथ को खींचने से भक्तों को 100 यज्ञों के बराबर फल की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही इस यात्रा में शामिल होने वालों के सभी पाप नष्ट होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि को विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) का भव्य आयोजन किया जाता है, जिसे देखने के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. इस साल 7 जुलाई 2024 को जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत हो रही है.
पुरी में आयोजित होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से भक्त आते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और खुशियों का आगमन होता है. इस अवसर पर लोग शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी करते हैं. ऐसे में आप भी इन मनमोहक विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों से हैप्पी जगन्नाथ रथ यात्रा कह सकते हैं.
हिंदू धर्म में ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर को देश के चार पवित्र धामों में से एक माना जाता है. इस मंदिर में विराजमान भगवान जगन्नाथ को श्रीहरि के अवतार श्रीकृष्ण का ही रूप माना जाता है. हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और छोटी बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी गुंडीचा के घर जाते हैं. जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा तीन अलग-अलग रथों पर सवार होकर गुंडीचा मंदिर पहुंचते हैं. इस रथ यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं.