Happy Uttarayan 2022 Greetings in Hindi: गुजरात (Gujarat) में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के पर्व को उत्तरायण (Uttarayan) के नाम से जाना जाता है, यहां इस पर्व को दो दिन तक मनाया जाता है. 14 जनवरी को उत्तरायण और 15 जनवरी को वासी उत्तरायण मनाया जाता है. इस दौरान आसमान में विभिन्न आकारों और रंगीन पतंगों को उड़ाकर पतंगबाजी की जाती है. इन दो दिनों के दौरान लोग चिक्की, सूखे मेवे और तिल से बनी मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं. दरअसल, हिंदू धर्म में सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देवता माना गया है और मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. हिंदू धर्म में उत्तरायण पर्व का विशेष महत्व है, इसलिए सूर्यदेव के उत्तरायण होने पर पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने की परंपरा निभाई जाती है. कहा जाता है कि इस दिन किया गया दान और गंगा स्नान से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है.
उत्तरायण को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि माना गया है, इसलिए सूर्य के उत्तरायण होने पर पवित्र नदियों में स्नान और दान करने का महत्व कई गुना अधिक बढ़ जाता है. गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण कहा जाता है और लोग इस दिन शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं. इस अवसर पर आप भी इन आकर्षक ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, फोटो विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स के जरिए अपनों को हैप्पी उत्तरायण कह सकते हैं.
1- हर पतंग जानती है,
अंत में कचरे मे जाना है,
लेकिन उसके पहले हमें,
आसमान छूकर दिखाना है,
बस ज़िंदगी भी यही चाहती है.
हैप्पी उत्तरायण
2- दिल में है छाई मस्ती,
मन में भरी है उमंग,
उड़ती हैं पतंगें रंग-बिरंगी,
आसमान में छाया उत्तरायण का रंग.
हैप्पी उत्तरायण
3- गुड़ की मिठास,
पतंगों की आस,
संक्रांति में मनाओ,
जम कर उल्लास.
हैप्पी उत्तरायण
4- मुंगफली की खुशबू,
और गुड़ की मिठास,
दिलों में खुशी और
अपनो का प्यार,
मुबारक हो आपको
मकर संक्रांति का त्योहार.
हैप्पी उत्तरायण
5- मीठी बोली, मीठी जुबान
मकर संक्रांति का है यही पैगाम.
हैप्पी उत्तरायण
हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल को दो भागों में विभाजित किया गया है, जिसे अयन कहते हैं. एक साल में दो बार सूर्य अपनी स्थिति में परिवर्तन करते हैं. सूर्यदेव के दो बदलावों को उत्तरायण और दक्षिणायन कहा जाता है. जब सूर्यदेव मकर राशि से मिथुन राशि की यात्रा करते हैं तो इस अंतराल को उत्तरायण और इसके बाद जब सूर्यदेव कर्क राशि से धनु राशि तक की यात्रा करते हैं तो इस अंतराल को दक्षिणायन कहा जाता है.